Himanshu Sharma   (हिमांशु शर्मा... ✍️)
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Joined 9 February 2021


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Joined 9 February 2021
13 AUG 2022 AT 0:25

तेरे ख्यालों को ही मैंने तुम बना लिया ।।
❤️
तुम्हारी सौ मजबूरियां होंगी,
तुम्हारी शंकाएं होंगी,
कुछ डर भी होंगे।

तुम्हारे ख्याल किसी बंधन में नही बंधे,
हर रिश्ते से स्वंतत्र हैं,
स्वछंद, बेपरवाह, मनमौजी हैं।

जब बुलाया जाए,
आ जाते हैं,
मेरी लय पर थिरकते हैं,
नाचते- गाते हैं।

तुमसे ज्यादा तुम्हारे ख्याल
मेरी बातें मानते हैं।
जितने तुम न उठा सको,
उस से ज्यादा मेरे नखरे
उठाते हैं।

तुम से तुम्हारे ख्याल
ज्यादा अच्छे हैं।
जब तक तुम नही आते,
तुम्हारे ख्याल ही को अपना समझ लेते हैं।

- हिमांशु शर्मा... ✍️

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23 JUN 2022 AT 14:29

आज यादों की अलमारी खोली
हाथ लगा
एक अधूरा ख़त
जिसमें लिखीं थीं कुछ अधूरी बातें
बातों से झांक रहे थे अधूरे सपने
और सपनों से लिपटे थे दो आधे अधूरे मन
एक मेरा...
एक तुम्हारा...
कितनी अजीब बात है न
अधूरे मन लेकर भी
हमनें जी लिया एक पूरा का पूरा
जीवन ।।

- हिमांशु शर्मा... ✍️

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29 MAY 2022 AT 20:38

"..आहट.."

कभी कभी एक खुशबू सी फैल जाती है
पहचानी हुई सी

यादो को सहला जाती है
सिरहन सी

तभी पर्दे का लहराना मंद मंद हवा का चलना
पहचानी आहट सी

लगा तुम्हे भी मेरी याद आई
क्षणिक सी

ये इशारा मैने बहुत दिनो बाद
आज महसूस किया
तुम्हारे जाने के बाद

तुम ही थे ना
ये तुम ही थे ना ❤️


- हिमांशु शर्मा... ✍️

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18 MAR 2022 AT 14:19

रँगों का उत्सव…….
💛💚❤️💙💜🧡

फाल्गुन मास की पूर्णिमा
जब लिये होलिका गोद में
भक्त प्रहलाद प्रभु रँग में रँगा
वरदान भी अभिशाप बना।
वो तो रँगा गया था जिस रँग
स्वंय प्रकट हुए हरि भक्त सँग
तोड़ खम्ब सँहार किया
हरिण्यकश्यप का टूटा दम्भ,
फिर मना रँगों का उत्सव
उड़े अबीर गुलाल सब,
गिले शिकवे सब भूल
गले मिलो यही कहें ये रँग,
रँगों के बिना जीवन बेरंग,
आओ मनाएं खुशियों के सँग,
होली में उत्सव के रँग
अगर रँग जाओ प्रभु के रँग,
फिर जीवन में रँग ही रँग।
फिर जीवन में रँग ही रँग।।

- हिमांशु शर्मा...✍️

आपका दिन रँगों से
सराबोर हो।
आप सब स्वस्थ और सुरक्षित रहें।

🙏🏻💛❤️💚💙🙏🏻

-


7 MAR 2022 AT 0:35

I'm still awake
My eyes are heavy like lead
But I can't seem to drop this pencil
Long enough to fall asleep
I know I said I'd try for you
But it's been more than a week
Since I've gotten any sleep
And to think
You're the cause of it
This treacherous fall
That I've blundered into
For me no one is better
And you'd better damn well be true
You make me smile
When I see you it's like
Opening a door to let the sun
Into my life after all of this
Darkness
An eternal night
Because we are both nocturnal creatures
Sitting in the baseball field bleachers
With heads thrown back
Counting the number of stars
Around the moon
Until there are none left
Until the sun rises
And we fall asleep

- Himanshu Sharma... ✍️

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6 MAR 2022 AT 23:52

बह चलेंगे हवाओं में,
इश्क़ की मीठी राहों में,

ढूँढ़ लेंगे थोड़ी सांसे
और
सुकूँ से भीगी आंखें

रंग,खुशबू गीत लिए
प्रेम मन
मन प्रीत लिए

अनंत आकाश में
देखना हम

कोई जहाँ नया
तलाश लेंगे
तकदीर सँग हम
तराश लेंगे...

सुनो,
तुम प्रार्थनाओं पर
यकीन रखना ❤️

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21 FEB 2022 AT 2:17

सुनो ना...
बताओ तो....

उन वादों को अकेले ही निभाऊँ क्या....❓
जो हमने एक दुसरे से किये थे...

उन सपनों का अब क्या करूँ....
जो हम मील के
पूरे करने वाले थे..

उन आँखों को कैसे बंद करूँ....
जो तेरी राह देख रही है...

उस जिंदगी को क्यूँ जियुँ...
जिसमे तेरे वापस आने की आस नही है....

फिर भी तेरा इंतजार है....

❤‍🔥— % &

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18 FEB 2022 AT 1:36

निश्छल प्रेम ,
निर्मल भाव
सुकूँ की धूप
नेह की छांव

न पाने की हड़बड़ी,
न खो देने का डर
कुछ ऐसी ही है
ईश्वर और प्रेम की डगर

सुनो
मुझे इसी राह
तुम सँग चलना है।
— % &

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31 DEC 2021 AT 13:18

प्रिय दिसम्बर !!

Full piece in the caption 📖📖

- Himanshu Sharma... ✍️

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28 DEC 2021 AT 1:24

इस तरह छोड़ के जाना जरूरी है क्या ?
बोलो ना कोई मजबूरी हैं क्या ?

मै जी नही सकता तुम्हारे बिना ,
मै मर जाऊंगा तुम्हारे बिना,
ये सब मैं बोल कर बताऊ, जरूरी है क्या ?

समझ जाओ न दिल की बातो को
मत दोष दो हालातो को
मुझको मेरी औकात दिखानी, जरूरी है क्या ?
बोलो ना कोई मजबूरी है क्या ?

मुझे एक बात तो बताओ 😢
छूप छूप के नजरें हमसे मिलाई क्यू ?
जब जाना ही था मेरी ज़िन्दगी से तो आई क्यू ?

क्यू खाई थी कसमे तुने,
की सात जन्म तक साथ निभाऊंगी ,
भुल जाउंगी खुद को पर तुम्हे कभी नही भूल पाऊँगी

मुझे मार कर ख़ुश तुम पुरी हो क्या ?
इस तरह छोड़ के जाना जरूरी है क्या ?
बोलो ना कोई मजबूरी है क्या ?

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