Himanshu Ranjan Sameer   (Himanshu Ranjan Sameer)
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Writer
Poet
Novelist
Director
Motivator

Support me #broken
Joined 31 January 2020


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Poet
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Support me #broken
Joined 31 January 2020
24 JUN 2023 AT 23:46

बरसात आने वाली है

सुना है फिर से बरसात आने वाली है,,
शायद किसी के आंसुओ को छुपाने वाली है,,
तकिए भीग से गए थे इश्क के इनाम से,,
ये बरसात फिर से भिगाने वाली है।।

न दिखता है आंसुओ का रंग पानी में,,
दर्द ले जाते है लोग इश्क की नादानी में,,
जो जख्म सुख से गए थे गर्मियों में,,
वर्षा अपने धार फिर से उसपे गिराने वाली है,,
हा इश्क वाली बरसात फिर आने वाली है।।।

बारिश के पानी से शुरू आंखो के पानी पर खत्म,,
मोहब्बत है चार दिन की चांदनी फिर है बस गम,,,
फिर से इंद्रधनुष उसकी यादें लाने वाली है,,
तकिए भीग से गए है इश्क के इनाम से,,
ये बरसात उन्हें फिर से भीगाने वाली है।।

Instagram:- iamhrsameer

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15 FEB 2022 AT 20:35

Wo Daur Hmara Tha
Us daur ke Zindgi me jaan Thi,
Guzar gaye wo lamhe
Jisme Har waqt mere chehre pr muskan Thi.— % &

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12 FEB 2022 AT 10:05

*बेटे का इंतज़ार*
( फौजी के माँ के कलम से )


मेरा बेटा मुझसे दूर है
मेरा चाँद तो माँ भारती का गुरुर है,
कई त्योहार निकल गए
अब वह कितना इंतेज़ार करवाएगा,
बस कुछ दिनों की बात है
मेरा बेटा जरूर वापस आएगा ।।


होली से दिवाली, दीवाली से होली उसकी कहानी है
खाली है घर, बाग उदास पेड़ो की डाली है,
निहार रही उसका फ़ोटो सालो से
एक दिन वह माँ के हाथ का खायेगा,
बस कुछ दिनों की बात है मेरा लाल जरूर वापस आएगा ।।।


रखीं हूँ सजाके इसके लिए शेहरा
चांद जैसा लगेगा पहन के मेरे बेटे का चेहरा,
सपने देखी हूँ उसके मंडप का
पूरा करने वह जल्दी आएगा,
बस कुछ दिनों को बात है
मेरा लाल जरूर वापस आएगा ।।।

घबराता है मन मेरा हर पहर
काटने को दौड़ता है उसके बिना ये घर,
कहा था उसने लौट न सका तो तिरंगे में लिपटा आएगा
गर्व करती हूं मेरे लाल पर
एक दिन वह जरूर वापस आएगा ।।


Instagram account:- iamhrsameer

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3 JAN 2022 AT 20:20

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3 JAN 2022 AT 20:10

मुझे नहीं लगता ये नया साल है

ख्वाब तो अभी भी अधूरे है
ज़ख्म मेरे अभी तक न भरे है
दर्द से दिल का हाल बेहाल है
मुझे नहीं लगता ये नया साल है ।


सब पुरानी जैसी हस्ती लगती है
ग़म से भी पुरानी दोस्ती लगती है
थक सा गया हूं अंदर मेरे भूचाल है
मुझे नही लगता ये नया साल है ।

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30 NOV 2021 AT 14:02

बेजुबान इश्क़ मेरा

उसकी आँखें हज़ार बातें कहती है
सामने वो मेरे चुप सी रहती है
खुदा ने इस क़दर जोड़ा है एक तार
वो लब से नहीं दिल से बाते करती है


उसकी जुल्फ़े बादलो के साये है
इन बादलो के लिए कई रात जाग के बिताए है
एहसास होता है उसकी रूह का जब वो दूर रहती है
वो लब से नहीं दिल से बातें करती है


दूर रहने का बेचैनी पास रहने का बेकरारी
इस तरह इश्क़ सूफियाना है हमारी
उसकी तारीफ इतनी है वो इंद्रधनुष सी लगती है
वो लब से नही दिल से बाते करती है


रूह से रूह का मिलन ये हमारी कहानी है
इस जन्म में उसे खुद की बनानी है
है उसमें सारे गुण ऐसा उसकी सहेलिया कहती है
वो लबो से नही दिल से बाते करती है


तो क्या हुआ उसके पास नहीं है जुबान
मेरे दिल मे उसके लिए है उतना ही सम्मान
दिल मे बेचैनी सी होती है जब वो सीने से लगती है
वो लबो से नही दिल से बातें करती है


Himanshu Ranjan Sameer
Instagram account :- iamhrsameer

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30 NOV 2021 AT 13:56

उम्मीद टूट गया फिर भी करार है
मर गया ये दिल फिर भी उनसे प्यार है
जुदा हुए सालो हो गए,
लेकिन उनका कब से इंतेज़ार है । 💔

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25 OCT 2021 AT 19:13

ए मौत कहाँ है तू
आ गले से लगाले,
सुना है सुकून देता है तू
आ कफ़न तले मुझे छुपाले ।

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21 AUG 2021 AT 15:22

*कोई तो होगा*

मोहब्बत सी छाने लगी इन हवाओं में
किसी की खुश्बू बिखरी हो जैसे फिज़ाओ में
इंतज़ार है उसका जो मेरी इबादत करेगा
कोई तो होगा जो मुझसे भी मोहब्बत करेगा

धड़कनो में अलग बेकरारी है
शायद अभी इंतज़ार की बारी है
नादान आँखे तड़पती है दीदार को
वो इंसान जो आंखों से शरारत करेगा
कोई तो होगा जो मुझसे भी मोहब्बत करेगा


उस अनदेखी अनजानी को दुनिया से चुरा लूँगा
मैं कृष्णा तो उसे रुकमणी बना लूंगा
मन में बहुत सपने है उनके लिए
जो दुनिया से मेरी चाहत करेगा
कोई तो होगा जो मुझसे भी मोहब्बत करेगा


लगता है बादलो से कोई बुला रहा है
वो आवाज़ जो मुझे सपनो में सुला रहा है
सोना है किसी की गोद मे
जिसके गोद मे सोने में न इजाज़त लगेगा
कोई तो होगा जो मुझसे भी मोहब्बत करेगा ।
😊😊😊

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19 AUG 2021 AT 10:22

दर्द के मौसम

दर्द के मौसम में हँसी का फूल खिलाया हूँ
दिल को न चाहते हुए बेवकूफ बनाया हूँ
ख़बर न है अपने इस हुनर का
आँख को नम करके होठो से मुस्कुराया हूँ


दर्द का मौसम न बदला
रुत आने और रुत जाने से
किसी की याद रुला ही देती है
मन को कितना भी बहलाने से
शिकवा नही किसी के बदलने का
खुद को ऐसे मजबूत बनाया हूँ,
ख़बर न है अपने इस हुनर का
आँख को नम करके होठो से मुस्कुराया हूँ l

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