Himanshu Prakash   (Himanshu Prakash)
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There is Nothing Called - I, Me or You.
It's just the Characters Happening Around.
Joined 23 December 2018


There is Nothing Called - I, Me or You.
It's just the Characters Happening Around.
Joined 23 December 2018
22 JUN AT 1:27

तुझे गले लगाने को मेरा बहुत जि कर रहा है ।
कस लूँ तुझे मैं अपनी बाहों में - ऐसा मेरा दिल मुझसे ज़िद कर रहा है ॥
आ बैठ मेरे सामने कि तुझे जि भरकर देखूँ मैं..

आ बैठ मेरे सामने..कि तुझे जि भरकर देखूँ मैं,
तू भी देख..कि कैसे ये तेरा दीवाना तेरी दीद कर रहा है ॥
#selfmusing_hp💫

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30 MAR AT 23:27

दिल तुम्हारे बिना कहीं लगेगा नहीं..

दिल तुम्हारे बिना..
कहीं लगेगा नहीं ।

लगेगा कि लगने लगा है..
पर लगेगा नहीं ॥
#selfmusing_hp💫

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26 JAN AT 1:58

उसके जाने का ये मलाल कैसा है,
इस बार का ये नया साल कैसा है।

उसके जाने का..ये मलाल कैसा है,
इस बार का ये नया साल कैसा है।
बेचैनियों में मैं तो ढूंढ ही रहा था उसकी तस्वीरें,
कि उसने आकर पूछ दिया तुम्हारा हाल कैसा है॥
#selfmusing_hp💫

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4 NOV 2024 AT 1:07

छठ पूजा आ रहा है, तुम लोग घर आ रहे हो ना बेटा ।
पापा का Pension नहीं आया है, तुम कुछ पैसे बचाकर ला रहे हो ना बेटा ॥
इस बार तुम्हारे भाई-बहन भी आ रहे हैं,
तुम भी बहु-बच्चों संग घर आ रहे हो ना बेटा ।
इस बार तुम भी छठ में घर आ रहे हो ना बेटा…
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छोटका बाबू से पता चला कि तुम नहीं आ रहा है ,
काहें..छुट्टी कि अर्ज़ी लगाये थे ना बेटा ।
पता है Ticket नहीं मिल रहा है..पर सबका बच्चा लोग आ रहा है,
तुम भी कोई गाड़ी पकड़ कर आ रहा है ना बेटा ।
तुम्हारे बाबू जी पूछ रहे थे कि बड़का भी इस बार छठ में आएगा ना,
बोले मेरे तो कमर में दर्द है, बड़का बाबू दउरा उठाएगा ना।
बाबू…इस बार छठ में तुम भी घर आएगा ना बेटा…
#selfmusing_hp💫✨

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2 OCT 2024 AT 12:43

गुलाब की पंखुड़ियों का रंग अब लाल हो गया है,
तेरे साथ रहकर एक और साल हो गया ।
तू मेरी फगुनिया है ये सब जानते हैं..

तू मेरी फगुनिया है ये सब जानते हैं,
तुझसे मिलकर मुझे लगता है..
इस मांझी के साथ कुदरत का कमाल हो गया ॥
#selfmusing💫✍🏻

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27 AUG 2024 AT 0:02

मेरी हर हर्फ़, मेरी हर कविता में तुम हो...

मेरी..हर हर्फ़, मेरी हर कविता में तुम हो,
मेरी राधा में तुम हो, मेरी सीता में तुम हो।।
#selfmusing_hp💫

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21 JUL 2024 AT 10:26

ना जाने कितने इश्क़ करके बेज़ार बैठें हैं ,
कुछ काम नहीं करते, बस बेकार बैठें हैं ।
डिग्री थी, कुछ कर लिये होते तो अच्छा होता ..

डिग्री थी, कुछ कर लिये होते तो अच्छा होता ,
अब हर वक़्त यही कहते रहते हैं,
अल्लाह मियाँ कुछ कर दो, हम बेरोज़गार बैठें हैं ॥
#selfmusing_hp💫✨

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16 JUN 2024 AT 20:31

बाप अपने बच्चों के लिए पौधों को मिलता पानी सा होता है,
उनका संघर्ष बच्चों के लिए एक अनसुनी कहानी सा होता है ।
बेटी के लिए उसका गौरव और बेटे के लिए उसके शान सा होता है,
पिता तो अपने परिवार के लिए छत वाले मकान सा होता है ॥
#selfmusing_hp💫✨

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7 JUN 2024 AT 14:17

सिर्फ़ पैसे भेजना ही काफ़ी नहीं होता माँ-बाप के लिए..

सिर्फ़ पैसे भेजना ही काफ़ी नहीं होता माँ-बाप के लिए ,
कभी-कभी लौट आना भी ज़रूरी होता है ॥
#selfmusing_hp💫✨

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4 JUN 2024 AT 9:33

लकड़ी के कीड़े पुरा कुर्सी खा जाते हैं ।

लकड़ी के कीड़े पुरा कुर्सी खा जाते हैं ,
और कुर्सी 🪑 के कीड़े पुरा मुल्क़ खा जाते हैं ॥
#selfmusing_hp💫✨

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