ख़ुसी मिले या ग़म मंजूर हैं
मुर्शिद....
दिल की हेराफेरी की हैं
तो सज़ा-ऐ-मोहब्बत भी मंजूर हैं-
Himanshu Naik
(Himanshu)
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वक्त खेलता रहा मुझसे
किस्मत खड़ी देखती रही
जिंदगी ने जो सिखाया
कलम वहीं लिखतीं गई
किस्मत खड़ी देखती रही
जिंदगी ने जो सिखाया
कलम वहीं लिखतीं गई
Joined 21 July 2018
10 OCT 2021 AT 9:42
8 OCT 2021 AT 22:10
बात मोहब्बत की करतें हैं वो लोग
मुर्शिद....
जिसे मेरे दर्द से फ़र्क तक नहीं पड़ता-
5 OCT 2021 AT 19:54
ख़ुदा का शुक्र हैं,
आपने मुझे अमीर नवाजा।
मेरी अमीरी देखनी हैं,
तो मेरे यार देख लो।।-
27 SEP 2021 AT 19:27
दिल जलता हैं मेरा,
रातों को नींद नहीं आती।
आज कल बस बातें होती हैं,
पर बातों में वो बात नही होती।।-
27 SEP 2021 AT 8:44
अपने दोस्तों की कहानी पर क्या घमंड करु,
किसी अपने कि ही कहानी में मैं विलन हुँ।-
27 SEP 2021 AT 1:01
दिल दुःखा बैठें हैं हम,
छाया हैं किसी मनुस का साया।
मोहब्ब्त करतें बहुत हैं उनसे,
पर कभी जताना नही आया।।-
27 SEP 2021 AT 0:45
नफ़रत ही ठिक थीं, हम उसे याद तो आते थें।
मुर्शिद
खामखाँ मोहब्बत कर बैठें।।-
15 SEP 2021 AT 10:42
वो खुबसूरती पे घमंड करती रहीं
मुर्शिद
हमें उसकी नादानियों से प्यार हों गया...
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13 SEP 2021 AT 18:01
तुम्हें हँसते देख खुश होते हैं हम
तुम्हें नाराज़ देख रोते हैं हम
तुमसे दूर जाने कि सोचें तो कैसे सोचें
तुम किसी और से बात करलो तो भी जलते हैं हम-