मैं तुझे भेजने के लिए रोज ख़त लिखता हूँ
पर तेरा 'पता' तक, मुझे पता नहीं है
पहले भी तो मैं तुझे चाहता था,
ये जानते हुए भी कि तू मेरे लिए बना नहीं है
क्या मेरे यह संदेश खत के, बिना डाक के
तुझ तक नहीं पहुंच सकते
क्योंकि सुना तो था, प्यार किसी भी चीज की
मोहताज़ तक नहीं है
अगर हवाओं के रास्ते मेरे पैग़ाम
उसके पास पहुंचें भी हो
तो क्या उसकी जवाबदेही तक नहीं है
ख़त नहीं पहुंचा तुझ तक तो क्या
मैं अपने शहर के बादलों से अपने आँसू
तेरे शहर में भेजता हूँ
और तू उसे बारिश समझ के दरकिनार कर देती है
अपने रूखेपन का तू खुद यूं इजहार कर देती है-
ਜੀ ਆਇਆ ਨੂੰ ❤
Only original lines....
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खत्म करके मुद्दतों की शिकायतें
चलो हम आज मिल जाएं
बरसों से भटक रहे सूरज को
अब साँझ मिल जाए
चाँद गुमशुदा है कब से अब्र में
उसे अपनी चमकती रात मिल जाए
लहरों के बीच में कब से उलझा है
उसे अब मदद का हाथ मिल जाए
दे न सके तुम अपनी जिंदगी में हमको जगह
एक इंच जगह मुझे तुम्हारे दिल के आसपास मिल जाए
बिना लफ़्ज़ों के होंठ अब परेशा है
उसे तुम्हारे नाम के रूप आवाज मिल जाए
रेगिस्तान सा सूख रहा था कब से ये दिल
शायद उसे मूसलाधार बरसात मिल जाए
सिर्फ आँख मुदने पर होता था तुम्हारा दीदार
असल में देख कर आँखों को ख्वाब मिल जाए
हर ग़म को हर खुशी को अकेले ही मना रहे थे
अब उसे तुम्हारा साथ मिल जाए
कब से जो दरकार थी वो प्यार मिल जाए
खत्म करके मुद्दतों की शिकायते काश! हम मिल जाएं.
-
इस चुपचाप रात में हल्की सी मध्यम हवाएँ है
दूर से आती गुमसुम सी आवाजें हैं
समय पर बादलों के बीच में गुजरती जहाजें है
इन्हीं धुनों से दोस्ती कई बरसों से चल रही है
इन्हीं काली रातों में कब से उम्र गुजर रही है
शायद यही एक दोस्ती है जिसका हम अंत करना चाहते हैं
उजाले की रातों में पहुंचकर आंखे बंद करना चाहते हैं-
आज के दिन साझा करने के लिए कईयों के पास माँ की तस्वीर तो होती है.... पर माँ नहीं होती है
जिनके बिना कभी सुबह नहीं होती है।
दुनिया में में सिर्फ दो तरह के लोग हैं
एक के पास माँ है एक के पास नहीं है
पर झाँक के देखोगे जब तुम अपने रूह में
. वो हमेशा से तुम्हारे अंदर बसी है
कितनी भी मुसीबतें आयी सामने, आगे मांये आ जाती हैं।
ग़र नहीं पहुंच पाती वह तो उनके दुआएँ आ जाती हैं
हर मुसीबतों से तो मां की दुआएँ ही लड़ जाते हैं
वैसे तो कई खूबियों से भरे लोग है दुनिया में
पर मां की खूबसूरती के आगे सब फीके पड़ जाते हैं
हमारी सारी जिंदगी मां के एहसानों के तले बोझ है
इतने करोड़ों साल के बाद भी
आज भी सुकून का पर्यायवाची माँ की ही गोद है
उनका एहसान बेशक तुम्हारे लिए बोझ होगा
उन्होंने तो हर दर्द तुम्हारे लिए हंसकर लिया है
आज भी मैंने जब माँ के साथ नींद ली है तो
उनके कलेजे से लगकर लिया है
स्वर्ग के आगे.. अगर कोई और जहां होंगे
तो रास्ते में सिर्फ माँ के कदमों के निशां होंगे
- हि'मां'शु-
अब यहां से मीलों दूर पुराना शहर है
यहां से मीलों दूर पुराना घर है
रात सारे अमावस के ही चल रहे हैं
और शाम में भी धधकती दोपहर है
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क्या हुआ ग़र!
उनके नाम एक साथ निकाहनामा पर नहीं लिखे गए
उसने अपना और अपने प्यार का नाम पता नहीं कितने किले की दीवार पे खुरच के लिखकर अपने इश्क़ की इन्तेहा दिखाई है
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सिलसिला हो जाता है तुमसे ख्वाबों
में मिलने का
अब यही एक रास्ता, यही एक जरिया बचा है
तुमसे मिलने का-
तू इतिहास है
तू इतिहासकार है
आज कुछ कमाल करके तो देख....
आज का दिन ही आगे जाकर इतिहास है
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कितने खूबसूरत होते हैं न वो सपने
जिनके सिर्फ एहसास करने से ही
दिल में मानो एक नयी ऊर्जा एक जादुई सा खुमार आ जाता है...
जब वो सामने सच होंगे न जाने कैसा वो लम्हा होगा
खुशियों के त्योहार सा मन उल्लास सा सजा होगा
पर... पर
अगर पता चले कि वो सपने पूरे ही न हो सके
जिसके बारे में हम.. , सोच तक न सके
..... सपने पूरे करने का जुनून है
हार जाने का डर भी है
बेबाकी से मजा लो सबका
क्यूँकी सपनों के मंजिल के बीच
एक खूबसूरत सफर भी है-
हे मां आप एक ही है बस आपके नौ रूप है
घोर अंधरे में भी तेरे प्रकाश की धूप है
आपके कारण ही नारी का ऊंचा सम्मान हुआ
हर अवतार से जगत का कल्याण हुआ
मां हम फलीभूत हो गए हैं आपके आशीर्वाद से
सब विघ्न हर जाएंगे तेरे प्रसाद से
"बिन मांगे मुरादें पाए" इस कथ्य से
आप हमारी झोली भरते रहना
हम अज्ञानी है आप सदैव अपनी ज्योति से
हमारा मार्ग दर्शन करते रहना
Himanshu-