प्यार को प्यार से ही निभाएंगे हम,
फिर समय को समय से हराएंगे हम,
हैं अंधेरा बहुत प्रेम के पथ में पर,
जगनुओं की तरह जगमगाएंगे हम।-
काव्यपाठ किया है इन सब मंचो पर:- indore literat... read more
प्यार को प्यार से ही निभाएंगे हम,
फिर समय को समय से हराएंगे हम,
हैं अंधेरा बहुत प्रेम के पथ में पर,
जुगनुओं की तरह जगमगाएंगे हम।-
आख़िरी सांस तक कितनी आशा रही,
सामने थे वहीं पर हताशा रही,
मौन हो कर वही काल ठहरा रहा,
ज़िन्दगी मौत तक इक तमाशा रही।-
वक्त तुम संग गुज़ारा मुझे याद है
प्यार का हर इशारा मुझे याद हैं,
भूल बैठा हूँ दुनिया में बाकी सभी,
नाम बस इक तुम्हारा मुझे याद हैं।-
राम की प्राण है मात श्री जानकी,
और लखन जय करे राम के मान की,
दास तुलसी कहे राम मिलते तभी,
जब कृपा होती है वीर हनुमान की।-
जब किसी की कमी भी सताने लगे,
याद को भी वही याद आने लगे,
फिर मिलों जब उन्हें हाथ को थाम लो,
क्या पता फिर मिलन में ज़माने लगे।-
सूर्य तिलक माथे पर साजे।
शंख ध्वनि भी अवध में बाजे।
कितनी प्रतिक्षा रही हमें है,
अब जाकर के राम बिराजे।-
सूर्य तिलक माथे पर साजे।
शंख ध्वनि भी अवध में बाजे।
कितनी प्रतिक्षा रही हमें है,
अब जाकर के राम विराजे।-
जो मिटा दी गई वो निशानी ही क्या,
कुछ रुके फिर बहे तो रवानी ही क्या,
फ़ासले दरमिया आए गए तो है पर,
जो अधूरी रहे वो कहानी ही क्या।-