Himanshu Lala  
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Joined 8 July 2020


Joined 8 July 2020
14 OCT 2022 AT 21:43

बहुत जरूरी था
मेरी अंतिम सांस तक को खुशनुमा बनाने के लिए

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30 SEP 2022 AT 22:58

जो तुमसे बिछड़े तो
ना रहे कभी होश में

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15 JUL 2022 AT 22:02

किसी से प्यार करने की सज़ा इस कदर मिली की हस्ता हुआ चेहरा अक्सर बिन वजह रोने लग जाता है...

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15 JUL 2022 AT 21:56

हजारों की भिड मे खुद को हमेशा अकेला पाया हैं मैंने, तुम अकेले नही हो जो मेरी दोस्ती तक को नही समझ पाए....

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6 JUN 2022 AT 20:43

तुम्हें खोने का दर सताता रहा
खयाल यह भयानक, डराता रहा।

तेरी यादों को कश्ती डूबती रही
तैरना मैं खुद को सिखाता रहा ।

आंसू रख डाले आंखों की दीवार में
गम जहां से में अपना छुपाता रहा ।

मेरे रिश्ते मुझे झेलते भर रहे
और मैं दिल से इनको निभाता रहा ।

जनता हूं नही लौट कर आओगे
जाने क्यों फिर मैं तुमको बुलाता रहा ।

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1 JUN 2022 AT 22:31

"तुम.."

जब भी मुझे याद आते हो, तब मैं कोई कविता या लिखने लगता हूं..

उस कविता में, मैं तुम्हारा नाम कभी नहीं लिखता..

बस पूरी कविता को तुम्हारे इर्द-गिर्द लिखता हूं..

मुझे अच्छा लगता है बार-बार तुम्हारी बातें करना,
तुम्हें छिपा कर भी इस तरह पंक्तियों में सबको दिखा देना..

जैसे देह में प्राण न रहने पर हमारी मृत्यु हो जाती है,

ठीक वैसे ही तुम्हारे उल्लेख के बिना मेरी कविताओं की मृत्यु हो जाती है..

कोई भी मनुष्य कभी अमर नहीं होता.. पर मैं चाहूंगा तुम्हें अपनी पंक्तियों में सदा के लिए जीवित रखना..

जो कि मेरी मृत्यु के बाद भी अमर रहेंगी,
इसी तरह तुम भी सदा के लिए अमर हो जाओगी मेरी इन पंक्तियों में..

मेरे जीवन में मेरे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रेम है..

और उस प्रेम का अर्थ मेरे लिए इस कविता का पहला शब्द है..!!

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23 MAY 2022 AT 20:33

कितना कठिन है अपने मन में एक शोर लिए चलना
बाहर से मौन रह कर अंदर से चीखते रहना

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6 JUL 2021 AT 23:21

कहने को तो
अपने रिश्ते बहुत है
पर........
उन रिश्ते में
अपने बहुत कम है

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16 SEP 2020 AT 14:20

किसी को मनाने से पहले ये जरूर देख
लेना की वो आपसे नराज है या परेशान।

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3 SEP 2020 AT 15:07

जनाब नाराज क्यों होते हो
मनाने वाला कोई नहीं...

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