Vada...
Krta hu me ek zara sa
Mere Tumhare Jahano ko Sambhalne ka...
Har Chahton ko puri krne ka...
Aur Nayi Aashaon ko sath me Jeene Ka...
Chalte jayenge har mausam har pehar...
Pr
Me Rahunga...
Me Sununga...
Me Dekhunga...
Me Jiyunga...
Tumhe...-
एक दिसम्बर में जुड़े थे
एक दिसम्बर में ज़ुदा हुए
ये दिसम्बर में ठंड का आना और
इसी दिसम्बर में साल का जाना
कुछ नई यादें जुड़ती है और
कुछ नई तन्हाईया मुड़ती हैं
-
क्या पता क्या हो, आने वाले कल का भी...
आज मेें ही ये कोशिश कर लो...
जीने का हर किसी के, आने वाले कल का भी...!!-
जिंदगी :- वास्तविकता या भ्रम
क्या हम जो जी रहे है वो एक वास्तविकता है
या सिर्फ मन को संतुष्ट कर देने वाले विचारो का भ्रम....?
समय और कुछ अनकही परिस्थियाँ...
कई बार जिंदगी रूपी आईने में एक प्रतिबिंब दिखाने की कोशिश करती है...
जो कि अक्सर हम जो मान कर जी रहे होते उससे विपरित होता है...
और उसे देख हमें खुद पर आश्चर्य होता है...
क्या ये जो दिखाई दे रहा है वो हम ही है...
या हमारा कोई सच जो हमें हमेशा से मालूम तो है...
परंतु इस जीवन की भाग दौड़ में हम इसे भूल गए है...
क्या सही है.....?
वो विचार जो हमें इस भ्रम में रखते है कि हमें सिर्फ हमारे मन को और दुनिया को संतुष्ट दिखाने के लिए जीना है...
या वो प्रतिबिंब जो हमें वक्त-वक्त पर हमें हमारी ही अनकही वास्तविकता से वाकिफ़ कराता है...!!-
जिंदगी का सफ़र
जैसे जैसे
मुश्किल होता जाता है,
वह एक
खूबसूरत अंत
की और बढ़ता जाता है।-
इश्क़ और शराब एक सा सुरूर चढ़ाते हैं
कुछ वक्त बाद ये सुरूर जब उतरता हैं
ख़ुद की ग़लती पर सिर्फ अफ़सोस ही होता है....!!-
ये जो हम देखते हैं अपनी खुली आंखों से इस दुनिया को
ये दुनिया ऐसी नहीं
सामने कुछ और हैं और इसकी सच्चाई कुछ और हैं,
कुछ होते हैं जो इसके आर पार देखना सीख जाते हैं
और कुछ होते हैं जो इसे ही सच मान कर जी जाते हैं
मुश्किल होता है दोनो के लिए,
जो उस बोझ को लिए जी रहा हैं
और
जो उस बोझ को जानते हुए भी जी रहा हैं।-
न जाने कौनसी लड़ाई लड रहे है हम
मारना भी खुद ही को है...
हराना भी खुद ही को है...
जीतना भी खुद ही को है...
और
जीना भी खुद ही को है...!!-
अक्सर उलझे और खोए देखा है मैंने कुछ लोगों को इस दुनियाँ के बेढंगे तौर तरीकों में
दिल मासूम और नियत साफ़ होती हैं इसलिए खुद उलझन बन बेठे हैं कई बेढंगों के लिए...!!-