क्या जोड़ू क्या तोड़ू तुमसे, बात करू या रहने दु।
दिल की विपदा तुम्हें सुनाऊ, या खुद को ही सहने दु ।
तुम होती जो मित्र मेरी तो, राज ये तुमसे कह देता।
जो बात तुम्हें बतानी थी, वो बात में तुमसे कह देता।
कि हार राज तुम्हें बतलाके, तुमको हमराज़ बनाना चाहता हूँ।
मैं अपने सारे पाप पुण्य, तुम मे दफ़नाना चाहता हूँ।
चाहता हूँ कि अच्छे – बुरे से, ऊपर मुझको चाहो तुम।
अब बात ज़रा ये और है कि, तुमसे कुछ कह नहीं पाता हू।
कहने को है बहुत कुछ, पर सोचता हूँ अब रहने दु।
क्या जोडू क्या तोड़ू तुमसे, बात करू या रहने दु ।।-
अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर दिल हो मुमकिन है।
हम तो उस दिन राय देगे, जिस दिन धोका खायेगे ।।-
जिसे हर वक्त देखता रहता हूं मैं, उसे बस एक बार देखा है।
काश वो रास्ते में मिल जाए कही मुझको, मुझे मुंह फेर के गुजरना हैं।।-
बोहत नाकामियों पर आप अपनी नाज़ करते हैं।
अभी देखी कहा है आपने नाकामियां मेरी।।-
तेरे माथे की उस छोटी सी बिंदी की चमक मुझे कुछ इस कदर भा गई।
की तुम बस मेरी आंखों में नही मेरे दिल और दिमाग़ में समा गई।।-
जिंदगी और उसकी ठोकरे इंसान को सिर्फ मजबूत और जिद्दी ही नही ढीठ बना देती है।।
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इन बारिशों में तेरे साथ भीगना,
वो फिल्मी style se तेरा गाने गाना
वो तेरे साथ बैठ कर तेरे ही हाथो की चाय पीना और वही पुराने किस्से दोहराना
बोहता याद आता है।
और ये एहसास दिलाता हैं,,,,,,,
अब तू नहीं है।।-
लम्बा सफर और खामोश रास्ते।
साथ में संगीत और मेरा हाथ तेरे हाथ में।।
हाय ये मेरे ख्वाब।।-