Himanshu Bhushan Singh   (हिमांशु भूषण सिंह)
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Joined 21 March 2019


Joined 21 March 2019
21 FEB 2022 AT 23:11

"भोजपुरी बोलऽ"

(पूरा कविता कैप्शन में बा)

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27 SEP 2021 AT 8:52

रोज़ नए ठिकाने ढूंढता था।
वो हवा में आशियाने ढूंढता था।
हम कमबख्त घोंसला सजाते रहे,
वो तो उड़ने के बहाने ढूंढता था।।

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14 SEP 2021 AT 15:55

जिस देश में बंगाली, कन्नड, तमिल, तेलुगु और बाकी सारी भाषाओं का दुश्मन अंग्रेजी को नहीं बल्कि हिन्दी को माना जाता है,
हिंदी और नॉन हिन्दी की ओछी राजनीति की जाती है,
उस देश को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

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3 SEP 2021 AT 6:32

कोई हमें भी बतलाए की ऐसे दीवाने
कहां रहते हैं!
जो अपनी मिट्टी को मिट्टी नहीं कहते,
मां कहते हैं!!

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22 AUG 2021 AT 9:50

उन बहनों का क्या बखान करूं,
जिनकी रक्षा के लिए शायद हम स्वयं भी काफी नहीं,
पर हमारी रक्षा के लिए उनके हाथ से बंधा एक धागा ही काफी है।

सारी बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाए ❤️

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1 AUG 2021 AT 11:26

मिट्टी का नशा है,
मिट्टी में मिलेंगे,
तभी मिटेगा!

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25 JUL 2021 AT 0:58

मणिपुर की स्वर्ण मणि, रण पर की अग्रिम चढ़ाई री।
मिट्टी को बोझ के तले दबा कर, मिट्टी का बोझ उठाई री।
प्रथम श्रृंगार मात् का उसने देखो अबकी बार किया,
बेटी री भारत की बेटी " चानू मीराबाई " री।।

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8 APR 2021 AT 16:04

कलम काफ़ी नहीं कागज़ भिगोने को,
स्याही अक्सर रास्ते बदल लेती है.

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7 APR 2021 AT 13:40

" आर पार "
( Full piece in caption )

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20 FEB 2021 AT 9:34

कपार पे छत ना रही, त खेत खलिहान का करम?
बात के कीमत ना रही, त ई जबान का करम?
जिनगी लंबा जिए के सऽवख नईखे हमरा,
ना रही हिंदुस्तान, त ई जान का करम?

#भोजपुरी

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