मेरे रिश्ते की दो कड़ी
मेरी ज़िंदगी के दो अनोखे रिश्ते
एक जिसने मुझे जनम दिया
एक जिसे मैंने जनम दिया
एक ने सारा प्यार मुझ पर लुटाया
दूसरी पर मैंने सब न्योछावर किया
एक ने अपनी मिली ज़िंदगी से ख़ुशियाँ बटोरीं
एक ने जहाँ ख़ुशियाँ मिली वहीं ज़िंदगी बसा ली!!
एक ने मेरे आँसू को रूकने पर कायनात लगा दी
एक ने ख़ुद के आसूँ छुपा कर मेरे आँसू रोक लिए!!
एक ने मेरी आवाज़ पहचान कर मेरा हाल जान लिया
एक ने चेहरा पड़ कर ही मेरा दुःख भाप लिया !!
एक ने अपनी आँखे भर ली मुझे विदा करते हुए
दूसरी ने मेरी ही आँखे भर दी विदा होते हुए!!
एक मेरा अतीत ,मेरी माँ ,जिसने बड़ाया मेरा सम्मान
एक मेरा आज ,मेरी बेटी ,जिसने दिलाया मुझे मान !!!
दोनो के प्यार और ताक़त ने ही बनाई है मेरी शान
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