क्यूँ कहूँ मैं उससे कि मुझे तकलीफ है,
जब उसको मेरी आँखों में नहीं दिखता,
क्यूँ हर बात मै ही बोलूं,
क्यूँ हर दिल के राज मै ही खोलूँ,
क्यूँ मैं ही मिलने को बोलूँ,
क्यूँ मैं ही शाम तक इतंजार करू,
क्यूँ मैं ही आँखों में देखूँ उसकी,
क्यूँ मै ही प्यार जाहिर करूँ उसको,
कभी तो बोले वो भी चलो,
आज मिले हम ।।-
आज किताब में रखा उसका गुलाब पाया,
गुलाब देख आज फिर उस पे प्यार आया ।।-
लो छोड़ चले आज तुम्हें हम,
ना होगा रूठना अब ,ना होगा मनाना
अब कभी चाहकर भी ना मिलेंगे हम,
तुम समझोगे भुल गऐ तुम्हें हम,
तुम क्या जानो तुम्हारा दिया हुआ सब सामान
ले चले हम,बस अब बहुत हुआ रूठना ,मनाना
लो दूर चले अब हम,तुम्हें छोड़ चले आज हम ।।
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जिसकी जैसी सोच होती है,उसकी जुबान वैसी होती है
या फिर जिस माहौल में वो रहता है वो वैसा ही आपको
सोचता है ,तो लोग जो बोल रहे है बोलने दो, अपना समय बबार्द ना करे और जुबान गन्दी ना करे ..-
हो गई विदाई मेरी हो गई परायी,
छोड चली आज मैं बचपन का घर,
माँ का आँचल , पापा का प्यार
भाई का चिडाना,बहनो का मनाना
छोड चली आज मैं अपनो का संग,
छोड चली आज मै बचपन का घर,
हो गई परायी मेरी हो गई विदाई ।।
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दिल करता है तुझसे मिलूँ,
मिलकर तूझसे अपने दिल की बात करूँ,
लगता है तुझसे मिले साल गुजर गऐ ,
तेरे चेहरे को देखे साल बीत गऐ,
तेरा वो मुझे देखना ,मेरी बातो पर हँसना ,
फिर मुझे बेफकूफ बोलना ,
तेरी फ्रिर्क करना,मुझे फोन करना,
मुझसे सब बात करना,
अब तो तेरी आवाज सुने,
साल बीत गऐ ।।
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बेटी होने पर अफसोस क्यूँ करते हो ,
क्यूँ दहेज देने की सोचते हो,
क्यूँ ना इतनी कामयाब कर दी जाए ,
कोई हाथ माँगकर शादी कर उसको ले जाए,
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कभी-२ तेरी याद में मैं खो सा जाता हूँ,
छुट्टी ना मिले पर उदास सा हो जाता हूँ,
माँ पहले कर्तव्य मेरा मातृभूमि की रक्षा है,
अपने देश की रक्षा करना फर्ज अदा करना है,
इस बार भी ना आना मेरी मजबूरी है,
माँ रुठाना ना मुझसे तुम ये बात कहना जरुरी है,
मैं भारत का सैनिक हूँ, मुल्क की रक्षा जरूरी है,
मैं आता जरूर इस बार माँ, ना आना मेरी मजबूरी है, देश की रक्षा करना मेरे लिए जरूरी है,
ना आ पाया तो मुझे माफ तुम कर देना,
एक भारतीय सैनिक के नाते देश की रक्षा जरूरी है,
झण्डा मेरी जान है,झण्डा मेरी शान ,
झण्डे पर आँच ना आऐ दे दू अपनी जान,
झण्डे से लिपटकर हमेशा के लिए सो जाऊँ,
देश की रक्षा करते हुए शहीद मैं हो जाऊँ,
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सोचा आज तुझे लिखूँ,
अपनी बन्द किताबों से,
आज तुझे आजाद करूँ,
लिखूँ आज तेरे बारे में,
तेरी हर बोली गई बात लिखूँ,
तेरा मुझे से मिलना ,
अपने सीने से लगाकर,
माथे को चूमना लिखूँ,
मेरी आँखों में आसू आने पर,
होठो पर मेरे हँसी लाना लिखूँ,
बारिश आने से लेकर,
चाय पीने का वो साथ लिखूँ,
आज तेरी याद मे,
मै अपनी शाम लिखूँ ।।
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