अब तो रात का अंधेरा भी तुम्हारी यादों को जगाने लगा हैक्योंकि उम्मीद -ए-सिलसिला कायम हो जाता है एक प्यारी सुबह का..... - हिमानी पन्त ✍
अब तो रात का अंधेरा भी तुम्हारी यादों को जगाने लगा हैक्योंकि उम्मीद -ए-सिलसिला कायम हो जाता है एक प्यारी सुबह का.....
- हिमानी पन्त ✍