17 OCT 2017 AT 20:50

अब तो रात का अंधेरा भी तुम्हारी
यादों को जगाने लगा है
क्योंकि उम्मीद -ए-सिलसिला कायम
हो जाता है एक प्यारी सुबह का.....

- हिमानी पन्त ✍