Himani Panchal   (Tassvoor (himani))
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मैं लिखती हूँ तुझे,
तु भी कभी पढ़ मुझे।
Joined 7 December 2019


मैं लिखती हूँ तुझे,
तु भी कभी पढ़ मुझे।
Joined 7 December 2019
24 MAR 2024 AT 0:44

हर रंग फ़ीका है,
इक तेरे रंग के आगे।

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24 MAR 2024 AT 0:42

वो आख़री नुकसान था,
मेरी जिंदगी का .....


#जिंदगी #नुकसान #इश्क

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14 OCT 2022 AT 11:17

मैं नहीं चाहती मुझे,
बेटी सा प्यार मिले,
मैं चहती हूँ मुझे,
बहु का सम्मान मिले।

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13 OCT 2022 AT 14:49

मैं तो रचा लूंगी मेहंदी
और सिदूंर भी सजा लूंगी ।
उम्र तुम्हारी बढ़ाने को,
भूखी प्यासी भी रह लूंगी ।
बन के सावित्री पति कि खातिर,
यमराज से भी लड़ लूंगी ।
मगर ये बताओ क्या तुम भी कभी,
मेरे लिये इस दुनिया से लड़ पाओगे??

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15 SEP 2022 AT 9:25


त्याग, ममता, साहस और समर्पण में
ना तेरा कोई सानी है।
तु ही अग्नि भी है ,
और तु ही गंगा का पानी है।

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5 AUG 2022 AT 18:02

तेरे बाद कोई शख्स ,
मेरे क़रीब आया ही नहीं।
तु क्या गया ज़िन्दगी से,
हमनें खुल के मुस्कुराया ही नहीं।

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30 JUL 2022 AT 22:10

बरस भी जाओ इश्क बन कर ,
अब तो सावन भी खत्म होने को है।

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19 JUN 2022 AT 17:13

उन्होंने प्यार कभी जताया ही नहीं,
फ़िक्र हमेशा सताती थी मेरी,
मगर कभी मुझे बताया ही नहीं।
मैं ये नहीं कहती कि,
बिन मांगे सब मिल जाता था ।
मगर जब भी कुछ मांगा मैंने,
उन्होंने कभी ठुकराया ही नहीं।
प्रेम बहुत था उन्हें हमसे मगर ,
कभी कठोर आवरण उठाया ही नहीं।
भीतर मां सी ममता छिपी थी,
वो दिल कभी दिखाया ही नहीं।

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11 JUN 2022 AT 1:25

मैं रंगी हुई थी,
जिस रंग में सर से पांव तक ।
उस इश्क के रंग का,
इक कतरा भी उसपर चढ़ा ही नहीं।

मैं चल रही थी,
प्रेम कि जिस राह पर।
वो एक कदम भी,
उस राह पर कभी चला ही नहीं ।

मुझे लगा कि वो,
मेरी रूह छू रहा है।
मगर वो तो,
जिस्म से आगे कभी बढ़ा ही नहीं ।

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10 JUN 2022 AT 15:02

तुम से परे होकर अब मैं,
मैं बनना चाहती हूँ।
बहुत मर लिया तुम पर,
खुद पर जीना चाहती हूँ ।

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