गुजरे हुए वक्त को जाने से रोक तो नही सकते
इसलिए नए वक्त को एक हल्की मुस्कान के साथ आने देते हैं
बड़ा भारी पड़ गया ये बीता साल हमें
खैर इसे एक आह के साथ जाने देते है।
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बहुत कुछ मिटाने के लिए
लिखती हूं खुद को
खुद से मिलाने के लिए।
Birthday - 8 June😊 read more
आंखों में नमी चेहरे पर गुमान लिए बैठे हैं
कुछ लोग मेरे दिल में रह कर भी
अपना अपना मकान लिए बैठे है।
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कुछ इस कदर दरबदर था दिल
कुछ इस कदर कमजोर था
चेहरे पे पसरी थी खामोशी
और आंखों में सारा शोर था।-
कल बचाया था किसी को ठोकर लगने से
आज मुझे संभालने खुद खुदा आया है।-
ज़िद थी उसका साथ पाने की
खुद को खोने का ग़म न था
दर्द झेलने की हिम्मत भी कर ली थी हमने
अफसोस! उसके पास मरहम न था।-
तुम बस नजरें अपनी मंजिल पर
और पकड़ अपने सपनों पर बनाए रखना
जीत कितनी शानदार होगी
सफर ये खुद तय कर देगा।
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अपना एक गुनाह आज कुबूलना है मुझे
कल रात भर सोचा की भूलना है तुझे ।-
देश को आजादी दिलाने के लिए
जिन वीर जवानों ने जान गवाई थी
उनमें ना कोई हिन्दू , ना कोई मुस्लिम , सिक्ख था
ना उनकी पहचान ईसाई थी।
भारत को आजाद करने का सपना जिन आंखों ने देखा था
उनकी हर कोशिश के आगे अंग्रेजों ने माथा टेका था।
आज भी खुद की सोच को क्यों ना आज़ाद बना ले हम
राम के घर ईद मना ले और रहीम के घर दिए जला दे हम।-
ये जो आजकल बात बात पर
सफाई दे रहे हो
गुनहगार हो क्या?
लगता है खुद के खिलाफ ही गवाही दे रहे हो।-
अधूरी ख्वाहिशों का बोझ नहीं
तू सबके लिए अपने दिल में
प्यार पालकर चल
अनकही शिकायतों की गठरी नहीं
तुझे मजबूत बनाने वालों का
दिल में आभार मानकर चल
ये दुनिया गर मझधार में है
तो उन्हें मुश्किलों से निकालने वाली
पतवार थामकर चल
लोगों को तलाश है कुछ फरिश्तों की
तू कोशिश तो करके देख
और खुद को दूसरों के आंसू पोछने वाला हाथ मानकर चल।-