परिश्रम करती स्त्री, स्वप्न संजोती स्त्री... हां में हां मिलाने से इतर सोचने समझने और, खड़ी होकर बोलने वाली स्त्री... पुरुषों से परे, अंकित करती अपने पदांक... मांग में सिंदूर की जगह, जिसे भाती है फटी एड़ियों के बीच धूल... सादगी से भरी, परम जटिल स्त्री....
कुंठित हर उस पुरुष को खटकती है जो बाहर से सजीला और, अंदर से जहरीला है।
My days & nights are getting heavy, heavier & heaviest, Still I m managing the bright smile to carry everyday. I m a lone warrior in my life battles. My tears will worth someday soon, Only this thought keeps me alive & will keep dragging me towards more battles. Amen....!!
उच्च-कुलीन परिवार की लड़की बनकर पैदा होना भी, कांटों पर चलना या आग से होकर जाने से कम नहीं है घर परिवार की इज्जत समाज की चिंता और इन सबके बीच घुट-घुट कर दम तोड़ते स्याह होते सपने। अंततः सबसे खतरनाक स्थिति भावनाओं का खोखला होना जीवित व्यक्ति की मृत्यु...!!