निगाहों से निगाहें ना मिलाया करो
दिल को मेरे ना ऐसे धड़काए करो
बेकाबू हो जाते हैं तुम्हें देखकर
हमसे थोड़ी दूरी बनाकर रखा करो-
दर्द मेरा थोड़ा सा तू सुन ले जरा
तेरी आंखों से आंसू ना आ जाए जरा
यूं तो कहानी बहुत सुनी होगी तुमने
पर मेरी कहानी सुनकर तुम्हें
खुद का दर्द याद ना आ जाए जरा
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घर के समझदार लोग ही
भाई बहनों में नफरत पैदा करवा कर
फिर खूब उनमें राजनीति करते हैं-
टूट गए तो हमें सवेरेगा कौन
रोने बैठ तो चुप कराएगा कौन
जिंदगी अभी बहुत लंबी है हमारी
गमों में रहने लगे तो जिंदगी हमारी
सवेरे का कौन-
जो मेरी लाइफ से गया
शायद उससे भी अच्छा
कोई मेरे लिए बना
ना जाने का गम
ना बिछड़ने का गम
शायद उसके प्यार में
बस इतना ही था दम
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हजार तूफान आए
तब भी समंदर को सुख ना पायेगा
भला से उसके पानी को
थोड़ा सा हिला देगा
पर बहते हुए धारा को
कभी रोक ना पायेग
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जिस इंसान को
हमारे होने ना होने से
कोई फर्क नहीं पड़ता
उससे बात करके भी
क्या फायदा-