एक शाम ऐसी भी,
कुछ सवालों के जवाब नहीं थे, कुछ के जवाब में सुनना नहीं चाहती थीं
एक शाम ऐसी भी,
जिसे आज तक दुआ में मांगा, खुदा ने आज अचानक से अनसुना कर दिया
एक शाम ऐसी भी,
तुम मेरे पास तो हो अभी, पर साथ निभाने का वादा नहीं कर सकते
एक शाम ऐसी भी,
तेरे आने की ख़ुशी तो थीं, और फिर कभी भी ना मिलने का दर्द
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