सर पर हाथ जब कोई फैरता यकीं करना आधी परेशानी उसी समय दूर हो जाती हैं
-
कुन्दक्यालि हथि-खुटा, भलौं बल मिजाज छा, मयेली सी छुई अर बसंत सि अनवार चा, स्वाणो सि स्भोव अर छड़छडो सि गात चा, माया की रस्याण चा, प्रीत कि बात चा।।।
-
नहीं आती कोई हमे संगीत धून बनानी
बस तुम्हारा नाम सुनते और खुद ही
थिरकने लगते हैं
-
सालों बाद आज चांद निहारा उसने, तुम्हारे चेहरे सा उसमें कुछ मनोहर नजर नहीं आया ।
सालों बाद आज शराब पी उसने, नशा नहीं था शराब में, नशा जो चढ़ हुआ था ।
सालों बाद आज याद तुमको याद किया उसने, परिंदा था वो आजाद हो चुका था ।
-
कबी ता बिंगाली माया की झोल थे जे दिन सच्ची प्रीत समझाली आंदा जान्दा तो लगिया रोला प्रीत तो मेरी तेरा दगड़ मेरी राली। मन अब बि चा हत् जोडुडु थे अबरी दो तु मैथे मनाली ।।
अनुवाद अनुशीर्षक में-
तुम्हारी प्रीत का कुछ इस तरह समावेश हो रहा मुझ पर, लिखा प्रेम होता हैं नाम तुम्हारा पढ़ लेता हूं।
-
बड़े ही झूठे वादे कर जाते हैं मां से दिवाली की छुट्टी में
अगली दिवाली की छुट्टी का पता नहीं होता होता होली में घर आने का वादा कर जाते है।-
ओझिल स्वप्न और नयनों में मूर्त तुम्हारी
मनोहारी चर्चा संग साथ तुम्हारा
प्रेम डगर की भी बात निराली-
न कोयल सी मधुर आवाज़ उनकी
न मनमोहित पूर्णिमा के चांद का रूप
फिर भी मन को भाए वहीं फिर भी
ह्रदय में आए वहीं-