प्रिय कभी होने वाले प्रेमी,
देखो तुम जो भी हो जहाँ भी हो एक बात बता देती हूँ कि मुझे चिट्ठियाँ बहुत पसंद हैं, इसलिए तुम्हें मुझे चिट्ठियाँ तो लिखनी ही होंगी। जो भी बातें छूट जाएँगी हमारी बातों में, वो सब तुम उन चिट्ठियों में लिखा करना.. और तुम जितना लिखना चाहो उतना लिखना, मैं पढूँगी उन्हें, और हाँ... मात्राओं की गलती ज़रा कम करना। मुझे ख़ाली सड़कों पर चलना पसंद है तो तुम उन सड़कों पर आहिस्ते से मेरा हाथ पकड़ लिया करना और जब चलते चलते कोई पुराना गीत गुनगुनाऊँगी मैं, तो तुम भी मेरे साथ गुनगुना लिया करना। सड़क किनारे जब कोई फूल दिखे तो बेझिझक उसे तोड़ कर मेरे बालों में लगा दिया करना। मैं टोकूँगी नहीं, तुम मेरे बालों से खेलना चाहो तो खेल लिया करना। मुझे तोहफ़ों में सबसे ख़ास चीज़ चाहिए तुम्हारी, जो सिर्फ़ तुम्हारा वक़्त है, तुम बस वक़्त से मुझे वक़्त दिया करना। अपना स्वभाव मैं खुद भी अच्छे से नहीं जानती, तो तुम मुझे समझने में मेरी मदद करना। कई बार ज़रा सी बात पर गुस्सा जाती हूँ मैं, तो तुम मेरे गुस्से को अपने स्पर्श से कम करना। मुझे नहीं जाननी तुम्हारे बीते कल की हर बात, जो ज़रूरी हो तुम मुझे बस वही बताना। लेकिन हाँ...मुझे जाननी है तुम्हारे आज और आने वाले कल की हर बात, क्योंकि ज़रूरी हिस्सा बनना चाहती हूँ मैं उसका।
तुम्हारी कभी होने वाली प्रेमिका
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