क़भी वों मेरी जान था
आज वों मेरे लिये अनजान हैं-
him+ansh 333
(हिम+अंशJaishree shyam)
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Jo bhi hu khud ke liye hu.....
Apne to log bhi nhi h.....
Hume to dusmno s... read more
Apne to log bhi nhi h.....
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Joined 23 April 2019
8 JUL 2021 AT 20:05
फूल🌺तुम्हें अर्पण करूँ अपनी पलके☺️ झुका कर
बाबा तुम
स्वीकार करो😍अपनी बाहें फैलाक🙏-
6 JUL 2021 AT 20:27
हमारे वो पल शाम में बदल गए
अब कल धूप तो निकलेगी
पर प्यार की वो गर्मी
ना तुझे लगेगी ना मुझे लगेगी-
7 JUN 2021 AT 10:11
रिश्तों के account का password
"विश्वाश"
हैं
जरा सा password इदर-उदर हुआ
की account block
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19 MAY 2021 AT 19:13
ठुकराया हमने भी बहुत को हैं अपनी मर्यादा के खातिर
आज ये आँशु भी शायद उसकी ही बददुआ का असर हैं
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17 MAR 2021 AT 18:40
कहते हैं स्वर्ग हर किसी को नहीं मिलता हैं
पर
मेरी माँ ने मुझे धरती पे ही जनत जैसा सुकुन दिया है-
11 MAR 2021 AT 11:24
शरीर को हर कोई रौंद सकता है प्रेम में
अगर प्रेम है
तो आत्मा से समर्पण करना सीखो-
21 JAN 2021 AT 22:30
उसके दर्द का एक बहाना था
पर वो बार-बार
मुझसे "100 बहाने " बनाता गया-