hijrat e haal   (~hijrat_e_haal)
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9 OCT 2022 AT 13:20

शब्दों को अधरों पर रखकर, मन का भेद न खोलो,,
मैं आंखों से सुन सकता हूं, तुम आंखों से बोलो...

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26 SEP 2022 AT 15:54

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।।

शारदीय नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं..

जय माता दी ❤️❤️🙏🙏🙏

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25 SEP 2022 AT 2:01

याद आता है वो क्यूं जिससे गिला होता है,
वो जो इक शख़्स हमें भूल चुका होता है..!!

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24 SEP 2022 AT 1:34

कहाँ से लाऊं वो लफ़्ज़, जो सिर्फ़ तुम्हें सुनाई दे..
दुनियां देखे अपने चांद को, मुझे सिर्फ़ तू दिखाई दे..!!

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20 SEP 2022 AT 13:19

इक बार उसने मुझ को देखा था मुस्कुरा कर ,
इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी तो सब कहानियाँ है..!!

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17 SEP 2022 AT 23:01


वो तबस्सुम था जहाँ शायद वहीं पर रह गया,
मेरी आँखों का हर इक मंज़र कहीं पर रह गया

मैं तो हो कर आ गया आज़ाद उस की क़ैद से,
दिल मगर इस जल्द-बाज़ी में वहीं पर रह गया

हम को अक्सर ये ख़याल आता है उस को देख कर,
ये सितारा कैसे ग़लती से ज़मीं पर रह गया..
!!

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17 SEP 2022 AT 22:38

मर्द पढ़ा तो... ब्याह लाया अनपढ़ को भी,
औरत पढ़ी तो सैकड़ों पुरुषों को नापसंद किया...!!

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15 SEP 2022 AT 21:46

क्या नहीं मेरी हथेली में समा सकता है,
जब तेरा हाथ मेरे हाथ में आ सकता है..!!

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15 SEP 2022 AT 1:09

क्या शिकवा, क्या उम्मीद, क्या गिला, क्या मशवरा कीजिए,
जाने वाले ने जानें की ठानी है, जानें दीजिए...!!

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10 SEP 2022 AT 10:54

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो..!!
❤️

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