शब्दों को अधरों पर रखकर, मन का भेद न खोलो,,
मैं आंखों से सुन सकता हूं, तुम आंखों से बोलो...
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Insta I'd...@virendra_jr_45
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।।
शारदीय नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं..
जय माता दी ❤️❤️🙏🙏🙏-
याद आता है वो क्यूं जिससे गिला होता है,
वो जो इक शख़्स हमें भूल चुका होता है..!!-
कहाँ से लाऊं वो लफ़्ज़, जो सिर्फ़ तुम्हें सुनाई दे..
दुनियां देखे अपने चांद को, मुझे सिर्फ़ तू दिखाई दे..!!-
इक बार उसने मुझ को देखा था मुस्कुरा कर ,
इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी तो सब कहानियाँ है..!!-
वो तबस्सुम था जहाँ शायद वहीं पर रह गया,
मेरी आँखों का हर इक मंज़र कहीं पर रह गया
मैं तो हो कर आ गया आज़ाद उस की क़ैद से,
दिल मगर इस जल्द-बाज़ी में वहीं पर रह गया
हम को अक्सर ये ख़याल आता है उस को देख कर,
ये सितारा कैसे ग़लती से ज़मीं पर रह गया..
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मर्द पढ़ा तो... ब्याह लाया अनपढ़ को भी,
औरत पढ़ी तो सैकड़ों पुरुषों को नापसंद किया...!!-
क्या नहीं मेरी हथेली में समा सकता है,
जब तेरा हाथ मेरे हाथ में आ सकता है..!!-
क्या शिकवा, क्या उम्मीद, क्या गिला, क्या मशवरा कीजिए,
जाने वाले ने जानें की ठानी है, जानें दीजिए...!!-
अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो..!!
❤️
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