उसके साथ रहने पर तुमने मुझे बेवफा कह दिया पर तुम्ही बताओ ना
उसकी वफ़ा का कदर कर के मैंने कौन सा गुनाह कर दिया
मेरे दूर जाने से तू मुझसे नाराज है पर तु ही बता ना
कैसे उसे तोड़ दूँ जिसे खुद से ज्यादा मुझपे नाज है
तुझसे दूर जाने का गम मुझे भी होता है
तेरे दर्द को महसूस कर दिल मेरा भी रोता है
तूने मुझे पत्थर समझ मुझे जी भर के कोस लिया
पर तुम ही बताओ ना कैसे मुँह मोड़ लू उससे जिसने तेरे इस पत्थर को अपना खुदा समझ अपनी सारी खुशियां मुझसे ही जोड़ लिया।
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