सूरज सा तेरा चेहरा , चमकना छोड़ सकता है क्या । कलियों सा तेरा दामन , मेहकना छोड़ सकता है क्या । तुझे मुस्कराते देख कर मेरा दिल , धड़कना छोड़ सकता है क्या । नही हीर रांझा जैसी है, ये तेरी मेरी प्रेम कहानी , पर तु ही मुझे बता, "अक्षत" प्यार करना छोड़ सकता है क्या ।