होओगे तुम दिल के साफ, अच्छे, मगर,
मेरे कानों को दिलासा सुनना था,
मेरे हाथ, तेरा साथ ढूंढते थे,
मेरा सीना तुझसे सुकून चाहता था,
मेरे कन्धे को आरज़ू तुझसे हौसले की थी,
मेरे पैर तुझसे हमकदमी चाहते थे।-
तुम,
जब कर्ता नहीं हो, तो चिंतित क्यों ?
गर कर्ता हो, तो रब पर आश्रित क्यों ?
तुम.-
मृत्यु की इच्छा प्राथमिक नहीं होती,
इसका जन्म होता है,
अनेक इच्छाओं की गलघोंटू मृत्यु के पश्चात।-
देखना,
ख्वाहिशों को ख़ुश करते,
कहीं जिम्मेदारियां न रूठ जाएं,
...
ख्वाहिशें सब्र कर लेती हैं,
जिम्मेदारियां नहीं।-
अब से जो मुझको चाहना, तुम दिल ही दिल में चाहना,
कांधे वजन है भारी, और साँसों में अब थकावट,
पहुंचेगी मुझतक सदा तुम्हारी, गहरी सांसें, जवाब होगा,
तब तुम न होगे, और मैं न हूंगा, पर अधजला सा वो ख़्वाब होगा।-
" Less talk, Deep breath, Silent face "
.
.
People call it "Arrogance",
I call it "Mental Growth".-
ज़िद ये थी, कि मुझको आलिम होना था,
वज़ह ये थी, कि मेरे बच्चे बिलखते थे,
फख्र ये था, कि मुझे नकल से नफ़रत थी,
ख़ुशी ये थी, कि मेरा ज़ेहन जुनूनी था।-
बड़ों ने कहा,
ज़िद छोड़ दो,
.
.
हमें ज़िद थी,
उन्हें समझाने की,
...........छोड़ दी !-
मांगना था,
दुआ में,
स्वभाव में,
नरमी, शीतलता,
आपसी समझ, सम्मान,
बदलाव, ठहराव,
व निष्पक्ष देने का भाव,
तो ख़ुदबखुद,
दौड़ कर आ जाती,
खुशियां, संपन्नता,
प्रेम, एकता और सहभागिता भी,
मांग लेते,
गर दुआ में।-