29 NOV 2018 AT 16:42

ज़िंदगी मे ऐसे कुछ दोर भी होंगे,
बाहर खामोशियाँ होंगी ,भीतर शोर भी होंगे।
पर फैलाये आशाएं, पैर कमज़ोर भी होंगे।
नज़रें बिछाये तब ज़मीं पर गौर तुम करना,
अकेले, आपके अलावा कुछ और भी होंगे।

- હેત પંડ્યા