अजनबी
कभी फुरसत में रहो तो
किसी अजनबी से बात करके देखो
जान न पहचान एक दूसरे से
पर कुछ पल के लिए रिश्ता जोड़ कर देखो
दो बातें अपनी कहो कुछ उनकी सुनो
मतलब से परे इस रिश्ते को महसूस करके देखो
हासिल सबकुछ नहीं होता है वहां से
हम उम्मीद लगाते हैं जिंदगी में जहां से
कभी कभी वो अनमोल चीज़ ज़िंदगी की
हमें मिल जाती है किसी अजनबी से— % &
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