रिश्ते ख़ामोशी के गोद में पलते हैं
और प्यार भरोसे के ओट में बढ़ते हैं।
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लोग कहने लगे हैं बुझा बुझा सा रहता हूं
लेकिन मां मेरी मुझे घर का चिराग़ कहती हूं।।-
हम वो आखरी पीढ़ी है, जिनके पास ऐसी मासूम माँ है
जिनका:-
:- ना कोई सोसलमिडिया पर अकाउंट हैं।।
:- ना फोटो सेल्फी का शौक है।।
:- उन्हें ये भी नहीं पता स्मार्ट फ़ोन का लॉक कैसे खुलता हैं
:- जिनको ना अपनी जन्मतिथि पता हैं।।
:- उन्होंने बहुत कम सुख सुविधाओं में अपना जीवन निकाला, बिना किसी शिकायत के।।
जी हाँ हम आखरी पीढ़ी हैं जिनके पास ऐसी माँ हैं
Love you mom❤-
जरूरी तो नहीं कि तुम भी मुझे चाहो,,
इश्क़ है, हमें तुमसे ये एकतरफा भी हो सकता हैं।।-
जरूरी नहीं हर लड़की से ताल्लुक मोहब्बत का ही हो...
कुछ रिश्ते इश्क से ऊंचा मुकाम रखते हैं।-
जब जिम्मेदारी घर की सर पर हो...
तो मोहब्बत भी बोझ लगने लगती हैं।-
कोरोना की वैक्सीन के जैसे समझते हैं अब हमें लोग...
किसी को ज़हर तो किसी को दवा से लगते हैं।-
मयखाने में ना सही घर पर ही बुला लेना...
बात अगर नशे की हो तो एक कप चाय ही पिला देना!!-
हमें इश्क है तुमसे तुम्हें नहीं तो ना ही सही
अगर तकदीर हाथों में हैं तो लकीरों में ना सही
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