उसका जाना ज़रूरी था
ये उसने कहा था
-
किसी जमाने मेरा अजीज हुआ करता था... read more
हम अक्सर झूठ बोलते हैं
क्योंकि हम सच छिपाना चाहते हैं
मगर उस वक्त हमारी आंखें
हमारे फैसले का विरोध करती है
वो पूरी कोशिश करती हैं
सब कुछ सच-सच बताना
जो लोग झूठ बोलते है
वो इस गुमान में रहते है कि
हमने झूठ बोलकर सारे सच छिपा लिए
लेकिन कुछेक लोग जानते हैं आंखें पढ़ना
वो जान जाते है कि सच क्या है ।
/ हेमन्त बारेसा देशप्रेमी
-
कुछ रिश्तों का होना
नही होने जैसा होता है
वो बस होते है
कि कहीं उन्हें गिना जा सके
उन रिश्तों की खाली जगहों
की भरपाई हो सके
हम चाहते तो है उनसे दूर होना
मगर कुछ बारीक धागे
हमें इनसे जकड़े रखते है
हम थक- हारकर उन्हें बस निभा
रहें होते है ।
/ हेमन्त बारेसा देशप्रेमी
-
खिड़की की ओट से
अधमिंची आंखों से झांकते हुए
वो हमें
जाने दिए जा रही थी
मन तो बहुत था उसका
कि रोक ले उम्र भर के लिए
शायद रुकना तो
हम भी चाहते थे
मगर हम दोनों के बीच
कुछ गलतफहमियों ने घर कर लिया था
हमारा प्रेम कहीं दब सा गया था
अनचाही नफरतों के तले
अब बस हम इस आख़िरी मुलाकात को
कैद करना चाहते थे सदा- सदा के लिए
अपने ज़हन में।
-
मेरे मन में एक खयाल है
खयाल में सिर्फ तुम्हारी बातें है
:: :: :: ::
बातों में अपनापन है
और
इसी अपनेपन में सुकून है।
/ हेमन्त बारेसा देशप्रेमी
-
आप घिन्न कीजिए हमसे
इतनी घिन्न कीजिए कि जब हम
आपके सामने से गुजरे भी तो आप नज़र फेर ले
और तब तक ना नज़र घुमाओ
जब तक कि हम उस राह का अंतिम मोड़ ना मुड़ जाएं...!!
-
प्रेम से
दूर रहना
या प्रेम को त्याग देना ही
सच्चा प्रेम है,
तो
फिर मैं "गुनाहों का देवता" हूं..!!
-
ये फूल
दे तो रहे हैं आप
मगर खयाल रहे
इसके साथ और भी बहुत कुछ
समर्पित करना होगा
ये आंखें, ये रुखसार, ये जुल्फें और हां
ये भीतर से झांकता दिल
हम जिस तरह
इस फूल की महक में समाएंगे
उसी तरह समाएंगे इन कत्थई सी आंखों में
ये रुखसार गुदगुदाने को आतुर होंगे और
ये जुल्फें समेट लेंगी हमें खुद में
और आपका ये सादा दिल आसरा होगा हमारा
जब हम कहीं नही होंगे, तब यही मिलेंगे तुम्हारे दिल में, अंगड़ाइयां लेते हुए।
-