यक़ीन ग़र नही खुद पे तो यक़ीन कर
नामुमकिन कुछ नही होता यक़ीन कर
ग़ैरों के हिसाब से भला कब तक चलेगा
बेशक तू भी ख़ुदा का बंदा है यक़ीन कर
कि तुझको ये ज़माना तेरे बाद ढूँढेगा
सारे वहम तोड़ दे यार बस यक़ीन कर
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किसी जमाने मेरा अजीज हुआ करता था... read more
मत पढ़ो मेरी तारीफ़ के कसिदे यारों
वगरना मैं खुद को खुदा मान बैठूँगा
✍_हेમन्त बारेस། 'देशप्रेम ᭄'
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एक फ़क़त नशा है आँखों में ग़ैरत का
बस इसके सिवा दूजा कोई नशा नही
वो लोग भी ढूँढते है ख़ामियाँ मुझमें क्यूँ
जिनका कोई वजूद कोई पेशा नही
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है तमाशबीन वो लोग
जो बनते आपके हिमायती है
وہ لوگ مضحکہ خیز ہیں
جو آپ کے حامی بن جاتے ہیں
चेहरे इनके बड़े मासूम
बातें इनकी ज़हर सी है
ان کے چہرے بہت معصوم
ہیں چیزیں ان کے زہر ہیں
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आईने से पूछिए अपने हुस्न की इन्तहा
वो भी शर्म से बिखर जायेगा खुशामद मे तुम्हारी-
वक्त से मांगा था, मैंने बस कुछ वक्त
और एक तुझसे मांगी ,थोड़ी सी मोहब्बत
वक्त ने दिया ,वक्त बहुत कम और
तुमने भी दी बस, मुट्ठी भर मोहब्बत ।-
चिंता की कोई बात नही मंजिल तेरे करीब है
मुसाफिर बस तू चलता जा आगे तेरा नसीब है
मत घबरा तू रास्तों के मायाजाल से
बाधाएं खुद-ब-खुद बताती सफलता की तरकीब है
✍_हेમन्त बारेस། 'देशप्रेम ᭄
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देखो ! भारत हमारा स्वतंत्र है , ये किसी का पराधीन नही
बात जब वतन की हो तो, फिर मैं भी किसी के अधीन नही
निभा सको तो निभा लो यारो, तुम भी अपनी वतनपरस्ती
कर लो सैर जमाने की मगर ,भारतभूमि से नायाब कोई ज़मीन नही ।
✍_हेમन्त बारेस། 'देशप्रेम ᭄
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