Hemlata Kumari   (हेmlata)
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Joined 25 October 2017


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22 NOV 2024 AT 2:27

"The closer she gets, the louder the whispers grow,
it’s better to be alone than risk the pain of attachment,
when she sees him find comfort in someone else."
Her soul recoils, retreating within itself.
A quiet ache, a truth untold,
That it's safer in solitude, than to be left cold."

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14 NOV 2024 AT 1:11

The Heart is Sentimental
But the world is Practical...

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29 NOV 2023 AT 2:46

It wasn't that difficult to meet myself.
But it wasn't that easy peasy too.
The way i met you.

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25 OCT 2023 AT 0:46

हर चीज़ मिल जाए , तो ख़्वाहिश किसकी करोगे ?,
वैसे अधूरापन भी बेहद खूबसूरत है जनाब ।
इसे भी क़बूल की , तो ज़िन्दगी को हर तरह से जीना सीखोगो ।

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5 JUN 2023 AT 2:26

मैं उस ख़ामोशी को आवाज़ लगाती हूँ ,
जो कभी गूंजा करती थी मेरे कानों पर।
इस उम्मीद में कि वह एक दिन फिर से गूंज उठे ,
ख़ामोशी का नक़ाब उतार कर।

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7 MAY 2023 AT 1:36

आपके पास बैठे बस आपकी लहरों को निहारते हैं ,
और वह लहरें बस हमें बार-बार छूकर चले जाते हैं ।
एक बार मुझे अपने साथ तो ले चले ,
इनको यकीन नहीं हमारे जज़्बातों पे ,
कोई इनको यह तो बताए कि
हम तो बस आप में डूब जाने कि ख़्वाहिश रखते हैं ।

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6 MAY 2023 AT 4:53

उन्होेंने सुकून की तलाश में ,
हर रूह को आजमाई होगी ।
पर जिस रूह ने अपना सुकून क़ुर्बान किया ,
उस तलाश को पूर्ण विराम समझ कर ,
पर उसी रूह को उन्होेंने क़ुर्बान किया ।
अपने जीवन का अधूरा किस्सा समझ कर ।
जब ज़रूरत थी तब मिली नहीं ,
और जब मिली तो ,
तब बोला गया कि ,
काश हमारी मुलाकात पहले हुई होती ,
तो शायद ये दूरी न हुई होती ।
अब उन्हें न सुकून की तलाश है,
और न चाहिए रूह का साथ।
ख़ुद की किस्मत को क़ुर्बान किया ,
समाज के नज़रिए को अपनी किस्मत मान कर ।
पर कोई उस रूह को भी पूछे,
कि बिन सुकून के उसका क्या हाल है ?
समाज के सामने वह मुस्कुराती तो है ,
आँखों में कचड़ा चला गया यह कह कर ।

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22 APR 2023 AT 1:10

कब तक भागोगे सच्चाई से ,
जब की सच्चाई वहीं पर टिकी रहेगी ।
समय आने पर भले तुम्हारा शरीर मर जाए ,
पर जो सच है वह हमेशा ज़िन्दा रहेगी ।

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28 MAR 2023 AT 21:27

लोग अलग ,
समझ अलग ,
जितनी बढ़ती समझ,
सच कहूं तो
उतनी ही बढ़ती उलझन।
कभी-कभार लगता ,
इस से अच्छा तो मैं मुर्ख ही सही ,
लोग बेइज्जत करते पागल कह कर,
फिर भी स्वीकार करता मैं ख़ुशी - ख़ुशी ।

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28 MAR 2023 AT 1:15

हर काम आसान होता ,
जब कोशिशें , जी जान से होता ।

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