जो अपनी जान खोते है हमारी जान की खातिर
जो खुद को झोंक देते है वतन की आन की खातिर
है उनको शत नमन हर दम खड़े रहते है सीमा पर
लगा कर जान की बाजी जो हिंदुस्तान की खातिर-
"सिर्फ कोरी कल्पनाएं ले हृदय में
चल पड़े है हम उन्हें साकार करने"
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नज़र भर देखे लेते तुम तो कुछ अहसान हो जाता
मेरा दिल यूं तुम्हारे दिल का इक दरबान हो जाता
सफ़र तो कट ही जायेगा अकेले भी मगर सच है
तुम्हारा साथ मिलता तो सफर आसान हो जाता-
राह में लाख उपवन मिले है हमे
पुष्प कोई मगर था खिला ही नही
लोग राहों में हमको बहुत मिल गये
कोई अपना सा हमको मिला ही नही
हर कदम मन भंवर में उलझता रहा
साहिलों का हमे कुछ पता ही नही
राह पर हम अकेले चले जा रहे
मंजिलों का हमे कुछ पता ही नही-
"तुम्हे पाने की चाहत में सुकूँ ही खो दिया मैंने
तुम्हे पाकर लगा फिर यूं तुम्हे भी खो दिया मैंने"-
तुम्हारी आंख के बहते से पानी को छुपा लेना
तुम्हारे मन के अंदर की रवानी को छुपा लेना
जमाना जब भी पूछेगा उदासी का सबब तुमसे
तुम्हारी और मेरी इस कहानी को छुपा लेना-
अपनी ही परछाई को देख रहा हूँ ।
या यूं कहूँ तन्हाई को देख रहा हूँ ।।
तुम्हारी सारी बातों पर मौन रहकर ।
मैं दिल की गहराई को देख रहा हूँ ।।-
स्वप्न जीत का यूं मेरी आँखों से ओझल ना होता
तुम दुश्मन दल में ना होते तो मैं घायल ना होता
पूछ रहे हो तुम अब मुझसे वजह मेरे पागलपन की
तुम मुझको पागल कह देते तो मैं पागल ना होता-
पुष्प सभी जो मुरझाये है खिल जाते तो अच्छा होता
घाव लगे है दिल पर वो सिल जाते तो अच्छा होता
वैसे तो मैं नही चाहता सच की गहराई में जाना
पर कुछ प्रश्नों के उत्तर मिल जाते तो अच्छा होता-
राजा महाराजा हो चाहे हो दीन हीन सन्यासी योगी
जो रण में संघर्ष करेगा अंतिम विजय उसी की होगी-
घर से बाहर निकलने पर पाबंदी बढ़ गई है
मेरे शहर में आजकल सर्दी बढ़ गई है
कौन अच्छा कौन बुरा पहचान लेते है
यूं ही नही बालों की सफेदी बढ़ गई है-