Hemant Verma   (Hemmu✍🏻)
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चल सको तो दो कदम ही मेरे साथ चलो
ज़िंदगी भर संग चलना मुश्किल होगा
Joined 3 May 2019


चल सको तो दो कदम ही मेरे साथ चलो
ज़िंदगी भर संग चलना मुश्किल होगा
Joined 3 May 2019
30 MAY AT 9:25

एक दिन मैं तुम्हारे जाने का शोक छोड़कर
किसी और के आने का उत्सव लिखूंगा

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26 MAR AT 23:15

दो -चार घटनाओं से पुरुष वर्ग दहशत में आ गया,
सदियां बीत गई महिलाओं के साथ अत्याचारों की

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26 MAR AT 23:14

दो -चार घटनाओं से पुरुष वर्ग दहशत में आ गया,
सदियां बीत गई महिलाओं के साथ अत्याचारों की

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16 MAR AT 21:40

मैंने देखा है कि जो जाता है वो कभी भी अलविदा नहीं कहता है, बस चला जाता है.. अलविदा तो वो कहता है जो जाने वाले को रोकने के भरसक प्रयास करता है, जो जाने वाले के ग़म में सालों इस आस में गुजार देता है कि एक दिन वो वापस आएगा.. मैंने देखा है कि जाने वाला तो कभी मुड़कर भी नहीं देखता है, परंतु जो रोक रहा होता है वो एक लंबे अरसे तक उसी मोड़ पर खड़ा रहता है इस आस में की एक दिन वो वापस आता नज़र आएगा.. जैसे कभी आँखो से धूमिल हुआ था, फिर वैसे ही एक दिन दिखाई पड़ेगा और धीरे धीरे इतने करीब आ जाएगा कि सब कुछ साफ हो जाएगा..पर अफ़सोस, कि ऐसा होता नहीं है.. इंतज़ार इतना बोझिल हो जाता है कि एक दिन रोकने वाला ख़ुद से ही अलविदा कहकर बची हुई आस को अंतिम अग्नि प्रदान कर देता हैं।

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12 JAN AT 21:26

यदि आप मुझसे बात किए बिना कई दिन गुजार सकते है ,
तो ज़ाहिर है कि मैं आपके लिए उतना important नहीं हूँ

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13 NOV 2024 AT 21:18

मैने ये देखा है अपने जीवन में कि जो भी आया
मुझे अपना कहता आया, मुझ संग प्रेम में जीवन बिताने पर वो अपना जाना संग लेकर आया, एक निश्चित समय तक उसने साथ निभाया पर अल्पावधि पश्चात वो चला गया , उसका जाना तय था...!!

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24 JUN 2024 AT 17:24

तलाक के बाद भी स्त्री अपना ली गई !
किसी का छोड़ा पुरुष अधूरा ही रहा !!

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21 APR 2024 AT 21:12

धीरे - धीरे अकेला होता जा रहा हूं ।बहुत से अपने अब पराए बन चुके है, यकीन नहीं होता मैं दोस्तों और प्रेमिका के बिना जीना सीख गया हूं। उम्र के साथ जिम्मेदारियां बढ़ गई है परंतु सफलता अभी दूर है।
मैं जिंदगी की ड्राइविंग सीट पर हूं , बेशक यहां से मंज़िल दूर है परन्तु हौसला है पहुंच जाऊंगा

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21 APR 2024 AT 21:03

सारा दिन फोन लेकर उससे बात करने की आस में बैठे रहते हो, तो जान खोल कर सुन लो ;
नहीं आने वाला कोई कॉल या मैसेज। वो अपने ज़रूरत के अनुसार ही तुमसे बात करेगी । अपनी ज़िंदगी की कमान दूसरो के हवाले करने से बेहतर है कि अपने काम-धाम में लगो, पढ़ाई-लिखाई करो और जीवन को सही रास्ते पर लेकर आओ!

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13 APR 2024 AT 21:37

हमें अहमियत तक नहीं दी गई
हम तो जान दे रहे थे...

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