बहुत रुलाया है कसम से इन लोगो ने,
ऐ मौत अगर तुम साथ दो तो सबको रुलायेंगे।।।।-
अकेले चलना तो मेरी मजबूरी थी
वरना शुरुआत तो मैने
हमसफ़र के साथ की थी।-
रात को नया चाँद मुबारक
चाँद को चांदनी रात मुबारक
फलक को सितारे मुबारक
सितारों को ईद की बुलंदी मुबारक
और आप सब को मेरी तरफ से
ईद मुबारक-
हम इतने बेबस कब से हो गए
कभी किस्मत से टूट जाते है
कभी लोग तोड़ जाते है-
शांत रहने को मन कर रहा...
आज कुछ कहना जायज़ सा नहीं लग रहा
लेकिन ये बेचैनी चुप भी नहीं रहने दे रही
समझ नहीं आता वो हमसे नाराज़ बैठी है
या ना बात करने की ठान बैठी है!!!-
आएगी कभी तो इन गलियों मे
कभी तो उनकी पैरों की जूती टूटेगी बस
इसी उमीद में मोची बन के बैठा हूं!!!!!-
मैंने तो उन्हे दुआयों में हर रोज मांगा है पता नहीं उनपे किसकी दुआ असर कर गई वो पास आने की बजाय दूर ही हो गई
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उनके पास आज वक्त ही नहीं मेरे लिए ,
कहते है न किस्मत के बिना कुछ नहीं मिलता
शायद हमारे किस्मत में उनका वक्त ही ना हो
अफ़सोस ये नहीं कि वक्त ही नहीं उनके पास मेरे लिए
अफ़सोस ये है कि वो वक्त निकालते ही नहीं अब मेरे लिए-