आज शान से फेहराया गया हूं,
कल रख दिया जाऊंगा किसी अंधेरे कोने मे,
अगली बार निकाला जाऊंगा,
अगस्त की पन्द्रा तारीख को, फिर से दोबारा।
अगर हर देशवासी, पूरे साल न चुके,
मेरे प्रति अपना छोटासा दायित्व निभाने में,
तो कभी कोई शत्रु मुझे पे आँख
उठाकर देखेने की हिम्मत, न कर पाएं दोबारा।— % &
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