Hemant 'Gautam'  
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Joined 24 October 2020


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21 MAR AT 1:13

कुछ घरौंदों को ना सजाना ही सही
कुछ रेत का यूं बिखर जाना ही सही

गम नहीं तेरे दिल में घर ना कर सका
मेरा उस सराय में आना - जाना ही सही

हर काम होंश-ओ-हवाश में नहीं किए जाते
अब मैं जो कर रहा हूं मजनूनाना ही सही

तेरी दस्तरस से आजाद होने का खयाल था
इस खयाल का खयाल रह जाना ही सही

मुझसे खुल के हंसने के वादे ना मांग
मेरा, तेरी महफिलों में मुस्कुराना ही सही

सबकी कहानियों पे फिल्में नहीं बनती 'गौतम'
रहने दो कोई किरदार अनजाना ही सही

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17 MAR AT 20:53

थोड़ा पास आओ तो मुझे कुछ कहना है
सुनकर दूर ना जाओ तो मुझे कुछ कहना है

तुम दरिया हो आगे बढ़ना तुम्हारी फितरत है
पर थोड़ा ठहर जाओ तो मुझे कुछ कहना है

यूं तो शब - ए - हिज्र गुजारी है मैंने चुप रहकर
तुम सुब्ह-ए-सुखन लाओ तो मुझे कुछ कहना है

ये पल दो पल की मोहब्बत से मन उकता गया है
गर ता - उम्र साथ निभाओ तो मुझे कुछ कहना है

क्या हुआ? तुम मिले मुस्कुराए और चल दिए
मैंने बस इतना कहा था "मुझे कुछ कहना है"

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2 FEB AT 12:58

सारी उम्र गर मोहब्बत में बिता दूंगा
तो अपनी जिंदगी को फकत एक दगा दूंगा

वो एक ख़्वाब जो मेरी आंखे देखते थकती ना थी
मैं किसी रोज उसे अपने गांव की नदी में बहा दूंगा

कुछ नहीं रखा मोहब्बत में, मेरी मानो, मैंने करके देखी है
मैं अपनी मोहब्बत को भी मोहब्बत से दूर रहने की सलाह दूंगा

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3 JAN AT 7:36

कोई बस तेरे हाथों की लकीरों तक नहीं जाती
नहीं तो हम भी तेरे ही शहर-ए-मुकद्दर में होते

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17 DEC 2023 AT 1:38

जैसे कोई पुरखों की कमाई ले जाता है
वो आंखो से ओझल हो तो बिनाई ले जाता है

उसका अंदाज जूदा है ज़हन में बस जाने का
अपनी तस्वीर देकर सारी तन्हाई ले जाता है

मैं उसका कैदी ही ठीक हूं उसकी दस्तरस में
जेलर बेड़ियों के साथ मेरी रिहाई ले जाता है

सालाना मेरी दो मुस्कुराहटें सच्ची होती है
एक किस्तों में बटती है, एक जुलाई ले जाता है

जिंदगी जैसे ही कुछ सीखा-पढ़ा के भेजती है
इम्तिहान का डर सारी रटी - रटाई ले जाता है

रेत का घरौंदा चाहे कितनी बार बना लो 'गौतम'
समंदर फिर आकर सारी की - कराई ले जाता है

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13 OCT 2023 AT 10:20

आवाज से मोहब्बत हो, बातों में जी लग जाए
मन कहीं और लगने से अच्छा है यहीं लग जाए

मैंने इस एक डर से तेरी सूरत नहीं निहारी
चांद को कहीं नज़र ना मेरी लग जाए

दिल में जो है बता देना मुनासिब होता है
बातों से ज्यादा खामोशी ना बुरी लग जाए

नींद आए तो एक खाब देखूं तुझसे वस्ल का
फक़त इस एक ख़ाब में मेरी जिन्दगी लग जाए

ये कैसी बेतुकी बात करते हो 'गौतम'
क़ैस के कदमों पर चलो और नौकरी लग जाए!

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11 OCT 2023 AT 0:15





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11 OCT 2023 AT 0:11






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11 OCT 2023 AT 0:10







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21 APR 2023 AT 1:30







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