पत झड़ो मे भी रहेंगे इस कदर खिल कर,,
बस एक में और एक तुम हर पल मिल कर!!
हर मोसम में तुम्हारे लिए ख्वाब होंगे,,
आँखों से हर पल सवाल और हर पल जवाब होंगे!!-
अक्सर मेरी नज्मो तेरा ही जिक्र रहता है,,
में भूलना भी चाहू तो भी तेरा नाम बेइन्ताह मेरे दिल बैठा रहता है!!-
तुम्हारी एक झलक देख,,
हम इस कदर मुस्कुराते हैं,,
तेरा साया भी देख हम,,
सारा अपना गम भूल जाते हैं!!-
उसकी आँखे मुझे देख रही थी,,
मगर उसकी बातो में बसा कोई और था।।
वो पास मेरे बैठा था ,,
मगर उसके दिल में बसा कोई और था।।
ना उसकी बातो में हिच किचाहट थी ,
ना मेरा उसके करीब होने का उसे कोई फर्क था ,,
शायद वो मुझे हर पल अपना सा,,
लगने वाला शक्स मेरा होकर भी मेरा नही था।।-
सुनो प्रिय!
बाकी सब कुछ सादा और फीका हो जाए,,
पर तुम्हारा मेरे प्रति प्रेम,,
हर दिन रोज कुछ ज्यादा हो जाए,!!
सुनो प्रिय!
कुछ यू एक दूजे से ,,
आँखों ही आँखों से वादा हो जाए,,
हमारा प्रेम बिना गाँठ का धागा हो जाए!!
सुनो प्रिय!
यू ही चलती रहे जीवन मे हसी खुशी ,,
इस प्रेम का इरादा हो जाए,,
जब भी देखे एक दूजे की आँखों में,,
तो दुख आधा और प्रेम ज्यादा हो जाए!!
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उनकी बातों से खूबसूरत क्या ही होगा,,
जिससे हमने एक तरफा मोहब्बत की है,,
उनकी बाते कितनी खूबसूरत है,,
ये बयाँ करने को मुझे लफ्ज मिल जाए,,
तो क्या खाक खूबसूरत है उनकी बाते!!
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महक रहे हो तुम धीरे-धीरे फिर मेरी यादों का सहारा लेकर,,
मिल पाओगी मुझसे कभी फिर इजहार दुबारा कह कर !!-
उनका भी इश्क अजीब है,,
वो मेरी लिखी हर शायरी पढ़ती है,
मगर ना याद करती हैं ना ही वाह करती हैं!!-
मेरी उंगुलिया आज भी महकती है उस दिन से,,
जिस दिन से तुमने मेरी किताब उठाकर मेरा लिखा
तेरे लिए इजहार पढ़ा!! ✍️✍️-
सुनो! प्रिय!!
इश्क के रंग में ढलते है वो सारे लम्हें ,,
जिन्हें हमने रोज ख्वाबो में जिया था!!
तुम्हारी मुस्कान में छिपा राज जो,,
हमने तुम्हारी आँखों में महसूस किया था!!
तुम्हें केसे ! !!!
हाल ए दिल बया करे ,,
मेरे अल्फाजो में वो ताकत कहा रहती हैं,
तुम्हारी झलक दिख जाने के बाद,,
पर दिल कहा मानता है!
तुम्हारी! राह में घण्टो इंतजार किया था!!
खेर! अब छोड़ो भी एक तरफा मोहब्बत की बाते!!
तुम्हारे बिना दिल के सन्नाटे को हमने जिया था!!
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