काश अपने लगने वाले लोग ठहर गए होते,,
प्यार का इजहार सुन पिघल गए होते।।
हर कोई यू ही नहीं रुकता यहां,,
काश आज हम भी बातों ही बातों संग सवर रहे होते।।-
ये नदी ये आसमा सब कुछ मुझे मेरा लगे,,
ये घाट ये किनारा ये सब कुछ मुझे सुहाना लगे,,
ये सावन ये मौसम ये रिमझिम बरसात,,
मुझे तुझ संग महकते फूलों का बगियारा लगे।।
सावन बरसे नैना तरसे बातों की हठ कोली ऐसी,,
तुझ संग मिलकर हर पल मेरे भीतर बरसे।।
तुझ संग गीत मिलन के गाऊंगी आओ पिया,,
जब जब भीतर आओ आंखों की बातों संग बतलाऊंगी ।।
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आंखों के करीब से गुजरे लोग ओझल क्यों नजर आते हैं,,
शायद ईश्वर की यही मर्जी है इसलिए वापस नजर नहीं आते हैं।।
क्यों पल भर की खुशी देकर कोई कही गायब हो जाते हैं,,
शायद इसलिए पल भर की मुलाकात देकर आंखों का चेन ले जाते हैं।।
क्यों कोई बरसात में छुपे सूरज सा पल भर धूप तो कभी छांव दे जाते हैं,,
पर वापस जरूरत हो धूप कि तो वापस बादलों में छुप जाते हैं।।
किसी कि एक झलक का इंतजार ईश्वर से प्रार्थना तक करवाते हैं,,
पता नहीं क्यों! आंखों से ओझल लोग वापस नजर नहीं आते हैं।।-
पत झड़ो मे भी रहेंगे इस कदर खिल कर,,
बस एक में और एक तुम हर पल मिल कर!!
हर मोसम में तुम्हारे लिए ख्वाब होंगे,,
आँखों से हर पल सवाल और हर पल जवाब होंगे!!-
अक्सर मेरी नज्मो तेरा ही जिक्र रहता है,,
में भूलना भी चाहू तो भी तेरा नाम बेइन्ताह मेरे दिल बैठा रहता है!!-
तुम्हारी एक झलक देख,,
हम इस कदर मुस्कुराते हैं,,
तेरा साया भी देख हम,,
सारा अपना गम भूल जाते हैं!!-
उसकी आँखे मुझे देख रही थी,,
मगर उसकी बातो में बसा कोई और था।।
वो पास मेरे बैठा था ,,
मगर उसके दिल में बसा कोई और था।।
ना उसकी बातो में हिच किचाहट थी ,
ना मेरा उसके करीब होने का उसे कोई फर्क था ,,
शायद वो मुझे हर पल अपना सा,,
लगने वाला शक्स मेरा होकर भी मेरा नही था।।-
सुनो प्रिय!
बाकी सब कुछ सादा और फीका हो जाए,,
पर तुम्हारा मेरे प्रति प्रेम,,
हर दिन रोज कुछ ज्यादा हो जाए,!!
सुनो प्रिय!
कुछ यू एक दूजे से ,,
आँखों ही आँखों से वादा हो जाए,,
हमारा प्रेम बिना गाँठ का धागा हो जाए!!
सुनो प्रिय!
यू ही चलती रहे जीवन मे हसी खुशी ,,
इस प्रेम का इरादा हो जाए,,
जब भी देखे एक दूजे की आँखों में,,
तो दुख आधा और प्रेम ज्यादा हो जाए!!
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उनकी बातों से खूबसूरत क्या ही होगा,,
जिससे हमने एक तरफा मोहब्बत की है,,
उनकी बाते कितनी खूबसूरत है,,
ये बयाँ करने को मुझे लफ्ज मिल जाए,,
तो क्या खाक खूबसूरत है उनकी बाते!!
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महक रहे हो तुम धीरे-धीरे फिर मेरी यादों का सहारा लेकर,,
मिल पाओगी मुझसे कभी फिर इजहार दुबारा कह कर !!-