की तलाश करो
और जब यह मिल जाए तो
समझ लो कि तुमने
इस क्षणिक जीवन का
परम सुख पा लिया.-
ज़िंदगी को कौन समझे,कौन जाने
यहाॅं पल भर में अपने हो जाते हैं बेगाने.-
ढलता सूरज यह कहते हुए जा रहा है कि
नई उम्मीदों के साथ वो कल सुबह लौट आएगा.
अपनी ढलती उम्र को देख तू भी यह सोच कि
अतीत के अनुभवों की दौलत अब तू औरों में बाँट पाएगा.-
मेरी तो चाहत है उसकी जुबां से अपनी तारीफ़ सुनने की
पर उसकी आदत है प्यार-भरी नज़रों से मुझे तकते रहने की.-
तुम्हें मेरे साथ देखकर जब दुनिया वाले जलते हैं,
सच कहूॅं तो मेरे दीवाने दिल पर भी अंगारे चलते हैं.-
सुबह से उड़ते-उड़ते हो गई शाम,
कहीं ठौर मिले तो कर लूॅं आराम.
सूरज के निकलते ही फिर उड़ जाना है,
जल्द ही अपनी मंज़िल को जो पाना है.
-
बस हौसलों की उड़ान कम न हो,
अपनी मंज़िल को तो पा ही लेंगे.
शाम हो गई है,अब थोड़ा विश्राम कर लें,
सूरज की नई किरणों के संग फिर उड़ चलेंगे.-
जो तुमसे अपने किए का
कभी भी हिसाब नहीं माॅंगती.
तुम्हारी बेरुखी पर भी मन में उठते
सवालों का कोई ज़वाब नहीं माॅंगती.
उसकी ममतामयी आँखें रब से
बस तुम्हारी खैरियत माॅंगती है.
अपने जीवन की हर खुशी त्यागकर
तुम्हारा सुनहरा भविष्य माॅंगती है.-
जिस मां की वज़ह से मिली है तुम्हें यह ज़िंदगी,
उसकी ममता का मोल तो नहीं चुका पाओगे कभी.
बस कोशिश करना कि तुम्हारी वज़ह से वो कभी भी न हो दुःखी.-