Hemangini Dhriti   (Halfwitted)
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सत्यं वद।धर्म चर।
Speak the TRUTH, Abide by the law.
Joined 27 May 2020


सत्यं वद।धर्म चर।
Speak the TRUTH, Abide by the law.
Joined 27 May 2020
15 MAR AT 23:42

मैं
कहानी
और
प्रेम!

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4 JAN AT 23:56

चलो आगे बढ़ कर देखते है।
(Caption post)

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20 SEP 2023 AT 6:53

Should I post something???


Or not???



Bt y should I post???


🤔Aaaagghhhh I won't 😒

It's okay let's post "कुछ भी"😸
(Caption pdho sab)

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4 JUL 2023 AT 12:21

गोल रोटियाँ बनाने की कोशिश में हर बार हार जाना,
आइसक्रीम वाले के इंतजार में बार बार बाहर जाना
अपने घर की ख्वाहिश में एक एक ईंट छिपा कर रखना
चिड़ियाँ की घोंसला देख चिड़ियों के आने का इंतजार करना
दादाजी के पैसे और दादी का संदूक में छिपा प्यार चुपके से निकलना।
मैने बदलाव देखा है,
उस चिड़ियाँ की घोंसले में
उस संदूक की टूटे पैरों में
और दादाजी को आसमां में
टिमटिमाते तारों के बीच में
मैने बदलाव देखा है,
खुद में,
उन गोल
रोटियों में,
टूटते बिखरते
मोतियों में
रंगीली दुनिया के
बेरंग सुर्खियों में
नदियों में
लहरों में
खुद के हाथों से बनी
फिंकी सब्जियों में
पापा की डाँट में
माँ के फटकार में
मैने बदलाव देखा है
खुद में।
हां खुद में।

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27 APR 2023 AT 10:36

एक बिखरी हुई पहेली बन गई हूं,
पहले बहुत अकेली थी पर अब खुद की ही सहेली बन गई हूं।
लोग मुझे देख कर हंसते चिल्लाते है स्वार्थी मतलबी उलझी हुई जलेबी बन गई हूं,
ढूंढना चाहते नही और बोलते है तुम मिलती नही मुझे हाय! ये झूठ,,,
ढूंढते रहे लोग मुझे मैं तो अब भूल भुलैया वाली हवेली बन गई हूं।

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18 APR 2023 AT 17:48

चंदा

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7 APR 2023 AT 21:41

वो हैं!!

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29 MAR 2023 AT 16:54

Mental peace

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20 MAR 2023 AT 21:55

परिवर्तन

वह अपने क्षेत्र का माना हुआ गुंडा था। उसकी दादागिरी पूरे इलाके में मशहूर थी। मोहल्ले के लोगों ने उसे बड़ा समझाया पर कोई असर न हुआ। उसने नौकरी की लेकिन वहां पर भी अधिकारियों के साथ रोज झगड़ा होता था, पर वह न सुधरा। आखिरकार लोगों ने देखा कि उसमें परिवर्तन आ गया है। उसकी दादागिरी बहुत कम हो गयी थी। लोगों ने इस परिवर्तन का राज़ जानने की चेष्टा की तो पता चला की उसकी अपनी बेटी जवान हो चुकी थी।

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14 MAR 2023 AT 12:59

गोल रोटियाँ बनाने की कोशिश में हर बार हार जाना,
आइसक्रीम वाले के इंतजार में बार बार बाहर जाना
अपने घर की ख्वाहिश में एक एक ईंट छिपा कर रखना
चिड़ियाँ की घोंसला देख चिड़ियों के आने का इंतजार करना
दादाजी के पैसे और दादी का संदूक में छिपा प्यार चुपके से निकलना।
मैने बदलाव देखा है,
उस चिड़ियाँ की घोंसले में
उस संदूक की टूटे पैरों में
और दादाजी को आसमां में
टिमटिमाते तारों के बीच में
मैने बदलाव देखा है,
खुद में,
उन गोल
रोटियों में,
टूटते बिखरते
मोतियों में
रंगीली दुनिया के
बेरंग सुर्खियों में
नदियों में
लहरों में
खुद के हाथों से बनी
फिंकी सब्जियों में
पापा की डाँट में
माँ के फटकार में
मैने बदलाव देखा है
खुद में।
हां खुद में।

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