वो एक रिश्ता.
वो एक रिश्ता आधा अधूरा सा फिर भी कहीं कहीं से लगे पूरा,
कभी धूप सा तो कभी छांव सा,
कभी कभी लगे बिन बरसे बादल सा,
ठहरी जिंदगी में भर दी हो जैसे किसीने बहार,
जिंदगी के केनवास पर बनादी हो जैसे किसीने अपने इश़्क की रंगोली,
वो एक रिश्ता बेनाम सा,
फिर भी लगे अपना सा.
हेमांगी-
15 OCT 2020 AT 23:20