13 JAN 2021 AT 16:51

वक़्त बदल जाता है.
यादों की गठ़री को झपट़ लगाई ,
तो लम्हां गीरा मेरी आंखो के नगर को,
तन सोता रहां ओर मन जगतां रहां रात को,
करवट़ बदली यादों ने तेरी,
तो वक़्त बदलनें लगा.
हेमांगी

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