9 AUG 2020 AT 18:33

तुम रख लो.
बेशक तुम रख लो ,
वो खूबसूरत सी सुबह,
जो तेरे मासूम से चहरे को खिलाती है,
अपने नर्म सी किरनों से,
जेसे खिलती हो कोई बूंद अपनी धरती से मिलने से.

बेशक तुम रख लो,
वो सिंदूरी शाम,
जिसके लाल रंग से हम दोनों पर इश्क़ का नशा सा छा जाता था,
मेरे आंगन डूबा वो सूरज हर रोज़ मुझ से चिढकर जाता था,

बेशक तुम रख लो,
वो चांदनी राते,
वो सपनों की मुलाकातें,
जिसकी रेशम सी चद्दर के तलें हम सोया हुआ करते थे,
वो चांद भी जलता था जब तुम्हें मेरी बांहों में देख लिया करता था.

बेशक तुम रख लो,
वो प्यार के हमारे सारे पल,
बस सिर्फ छोड़ जाओ मेरे पास वो लम्हें जिस पर नाम हो सिर्फ मेरा हर पल.
हेमांगी

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