22 MAR 2021 AT 16:26

तुम चाहो ना चाहो.
तुम चाहो ना चाहो ये इश़्क होगा तुम्हें भी ज़रुर,
ये बदनाम गलीयों से तुम्हें भी गुज़रना पडेगा ज़रुर,
हालां की तब हम न होंगे आपकें आस पास,
फिर भी निगाहें आप की ढूंढती रहेगी हमें ज़रुर.
हेमांगी

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