ठंड़ बहोत है जनाब,
चलो कुछ अधूरें अरमानों को जलाया जाऐ,
बेशक पूरे नहीं हूऐ तो क्यां हुआ!
गरमी तो जरूर देंगे.
हेमांगी-
31 JAN 2021 AT 17:28
ठंड़ बहोत है जनाब,
चलो कुछ अधूरें अरमानों को जलाया जाऐ,
बेशक पूरे नहीं हूऐ तो क्यां हुआ!
गरमी तो जरूर देंगे.
हेमांगी-