3 SEP 2020 AT 15:01

तस्वीर जूठ बोलती है,
केमेरे में कैद कोई और ही होती है
हां जी हां तस्वीरे जूठ बोलती है ।

वो तो खिंचती है आपकी खूबसूरती को,
कहां दिल मे छिपा दर्द, मायूसी किसी को दिखती है,
हां जी हां तस्वीरे जूठ बोलती है ।

वो तो सब चूरा लेती है मनमोहन अदा ए,
पर तन्हा रहती तन्हाई कहां बोलती है,
हां जी हां तस्वीरे जूठ बोलती है ।

मुस्कुराती हर एक तस्वीर कितना लुभाती है,
तस्वीर के पीछे दिल में रही तस्वीर कहां महसूस होती है,
हां जी हां तस्वीरे जूठ बोलती है ।

हेमांगी

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