तेरे अहसास को कुछ इस तरह महेफुस रखा है,छुआ जो हाथ तुमनें ,वो अब तक पानी से वो दूर रखा है .हेमांगी -
तेरे अहसास को कुछ इस तरह महेफुस रखा है,छुआ जो हाथ तुमनें ,वो अब तक पानी से वो दूर रखा है .हेमांगी
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