शोर मचाता रहता है दिल.
दिन की चहलपहल से अच्छी लगती है ये चांदनी रात,
हकीकत की दुनिया से दूर खवाबों मे मिलने की रात.
आहिस्ता आहिस्ता जेसे जेसे आगे बढती है ये रात,
बाहरी दुनिया का शोर अपने आप मे समा लेती है ये रात,
सबकुछ शांत हो कर भी,
क्यूं शोर मचाता रहता है दिल ,दिन रात!
हेमांगी
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19 JUN 2020 AT 23:13