8 MAY 2020 AT 23:27

रात ठहर गई मुझ में,
औंर मे ठहर गई तेरी यादों में,
ठंडी ठंडी हवाओ संग यादों का कांरवा,
आंखों में है निंद का पहरा,
यादे करती है मदहोश मुझे,
सोच पर लगाऊं पहरा,
बाहर सबकुछ चल रहा है,
और भीतर तु मुझ में ठहरा है
हेमांगी

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