22 MAR 2020 AT 23:22

रात की दिवार पर
खवाबों कि शाही से कुछ अलफाज लिख दूं,
जो हकीकत बन ना पाईं वो कहानी लिख दूं,
एक सुकून सा मिलता है रात के आगोश में,
भीतर मचे शोर को ,खवाबों के पन्नों पर सुला दूं,
रात की दिवार पर.
हेमांगी

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