26 MAR 2021 AT 23:19

पुरानी बात हुई.
वो निगाहों को रास्तें पर गढाऐ बैठना,
बार बार नाम तेरा लिख के मिट़ाना,
सब के साथ हो कर भी खूद को तन्हां पाना,
हँसते हँसते आँखो का भर आना,
ना दिन को चैन पाना,
ना रातो की निंद चैन से सोना,
वो सब बाते अब पुरानी हुई.
हेमांगी

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