ना रुकती है,ना ठहरती है
ये जिंदगी बस रेत की तरह फिसलती है
वक्त को कैद करने की दौड मे इन्सान हार जाता है
'वो' ठहर जाता है और वक्त आगे निकल जाता है
कुछ सवालो के जवाब ढूंढने निकलते है
तब जिंदगी अपने सवाल बदल देती है
हेमांगी-
18 APR 2021 AT 14:55
ना रुकती है,ना ठहरती है
ये जिंदगी बस रेत की तरह फिसलती है
वक्त को कैद करने की दौड मे इन्सान हार जाता है
'वो' ठहर जाता है और वक्त आगे निकल जाता है
कुछ सवालो के जवाब ढूंढने निकलते है
तब जिंदगी अपने सवाल बदल देती है
हेमांगी-